Loksabha Election 2024:लोकसभा चुनाव के अहम वक्त से पहले अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफा देने और अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंट के चलते चुनाव आयुक्त के 2 पद खाली हो गए थे.इसके बाद से ही केंद्र सरकार ने इन पदों को भरने के लिए प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया इसके लिए 2 चुनाव आयुक्तों के नाम चुने गए थे.इनकी नियुक्ति के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने इन दोनों के नामों पर अपनी मुहर भी लगा दी है.चयन कमेटी की सिफारिश के आधार पर अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इनके नामों पर अंतिम मुहर लगाएंगी।
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इसकी जानकारी देते हुए विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन ने मीडिया से कहा कि,केरल के ज्ञानेश कुमार और पंजाब के सुखबीर संधू के नाम फाइनल हो गए हैं.गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए समिति की बैठक हुई थी.इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे और इस चयन समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल थे.हालांकि,अभी आधिकारिक तौर पर चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद ही इनकी नियुक्ति की जाएगी।
अधीर रंजन ने प्रक्रिया का किया विरोध
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि,सरकार जिसे चाहेगी, वो ही चुनाव आयुक्त बनेंगे.अधीर रंजन चौधरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,समिति में सरकार के पास बहुमत है और इस वजह से सरकार अपने पसंद के नाम तय कर सकती है।भारत जैसे लोकतंत्र में इतने बड़े पद पर नियुक्ति इस तरीके से नहीं होनी चाहिए.मुझे बैठक से 10 मिनट पहले 6 नाम दिए गए, ऐसे में मैं इतने कम समय में क्या बताऊंगा?
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रंजन ने मांगी थी सुझाए गए नामों की जानकारी
बैठक से पहले बुधवार को अधीर रंजन चौधरी ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सूची में शामिल उम्मीदवारों के दस्तावेजों और उनके बारे में जानकारी मांगी थी.अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि,उन्हें कल 212 नाम दिए गए और आज बैठक से 10 मिनट पहले 6 नाम तय किए गए, उनमें से दो को चुन लिया गया.गौरतलब है कि,नए नियमों के मुताबिक चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक कैबिनेट मंत्री की सदस्यता वाली समिति करती है.प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति कानून मंत्रालय द्वारा सुझाए गए 5 नामों में से किन्हीं दो नामों को तय करेगी.समिति के पास सुझाए गए 5 नामों से अलग भी किसी अधिकारी को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त करने का अधिकार है.अभी चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं।
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कौन हैं सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार?
सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं जबकि, ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं और गृह मंत्रालय में तैनात रह चुके हैं.धारा 370 पर फैसले के वक्त वो गृह मंत्रालय में तैनात थे,ज्ञानेश कुमार सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं।
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नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर SC जल्द करेगा सुनवाई
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.ये चुनौती एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने दी है.याचिका में एडीआर ने मांग की है कि,पुराने नियमों की तरह चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति में मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाए.सुप्रीम कोर्ट एडीआर की याचिका पर जल्द सुनवाई कर सकता है।