Unnatural Physical Relation: एमपी हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पुरुष द्वारा कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता, इतना ही नहीं कोर्ट ने ये फैसला सुनाते हुए पत्नी द्वारा दर्द FIR को रद्द कर दिया।दरअसल शख्स की पत्नी ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने तर्क दिया कि कानून के हिसाब से यह अपराध नहीं है क्योंकि पत्नी अपने पति से विवाहित थी।
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कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
वहीं कोर्ट ने तर्क देते हुए कहा कि ‘कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है। इस पर और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है कि क्या एफआईआर तुच्छ आरोपों के आधार पर दर्ज की गई थी या नहीं।’ फैसले में कहा गया है कि अगर एक वैध पत्नी विवाह के दौरा अपने पति के साथ रह रही है तो किसी पुरुष द्वारा अपनी ही पत्नी के साथ, जो कि 15 वर्ष से कम न हो के साथ कोई यौन संभोग दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।
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FIR को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी
इस दौरान आदेश में कहा गया है, ‘वैवाहिक दुष्कर्म को अब तक मान्यता नहीं दी गई है। तदनुसार, पुलिस स्टेशन कोतवाली, जबलपुर में दर्ज अपराध संख्या 377/2022 में एफआईआर और आवेदक (पति) के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किया जाता है।’ बता दें कि शख्स ने अपनी पत्नी की शिकायत पर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी।
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क्या है मामला?
आपको बता दें कि जबलपुर के मनीष साहू ने याचिका दायर कर बताया था कि पत्नी के उसके खिलाफ नरसिंहपुर में 24 अगस्त, 2022 को एक FIR दर्ज कराई है। शिकायत में पत्नी ने बताया था कि जब वह 2019 में शादी के बाद दूसरी बार अपने ससुराल गई थी तब पति ने उसके साथ आप्राकृतिक यौन संबंध बनाया था। इसके बाद उसने कई बार ऐसा किया। पति ने किसी को बताने पर पत्नी को तलाक की भी धमकी दी थी। इसी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ आप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है।