Simran Shaikh: महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2025 के लिए जारी मिनी नीलामी में एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। गुजरात जायंट्स ने अनकैप्ड बल्लेबाज सिमरन शेख (Simran Shaikh) को 1.90 करोड़ रुपए में अपनी टीम में शामिल किया है। सिमरन का बेस प्राइस 10 लाख रुपये था, लेकिन उन्होंने अपने खेल की बदौलत इस राशि को कई गुना बढ़ा दिया। धारावी की गलियों से क्रिकेट के शिखर तक पहुंचने वाली सिमरन का यह सफर पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।
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धारावी की गलियों से महिला आईपीएल तक का सफर
22 वर्षीय सिमरन शेख (Simran Shaikh) का क्रिकेट करियर एक अद्भुत कहानी है। मुंबई के धारावी इलाके से आने वाली सिमरन ने बचपन में अपने क्षेत्र में क्रिकेट खेलकर कई बार आलोचनाओं का सामना किया। पार्क में क्रिकेट खेलते हुए उन्हें अक्सर डांट सुननी पड़ती थी, लेकिन सिमरन ने कभी हार नहीं मानी और अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर ही केंद्रित किया। आज वही सिमरन WPL के सबसे बड़े मंच पर अपने हुनर का जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं।
WPL 2023 में डेब्यू, फिर गिरा प्रदर्शन
सिमरन (Simran Shaikh) ने WPL 2023 के उद्घाटन संस्करण में यूपी वारियर्स के लिए डेब्यू किया था। हालांकि, उनके लिए यह यात्रा कुछ खास नहीं रही। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान 9 मैचों में भाग लिया, लेकिन बल्लेबाजी में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं। सिमरन ने सात पारियों में सिर्फ 29 रन बनाए और उनका औसत मात्र 5.80 रहा। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी 60.41 रहा, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए निराशाजनक था। इसके बाद उन्हें फ्रैंचाइज़ी द्वारा रिलीज़ कर दिया गया था।
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गुजरात जायंट्स ने किया सिमरन पर बड़ा दांव
हालांकि, सिमरन (Simran Shaikh) का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं था, लेकिन गुजरात जायंट्स ने 1.90 करोड़ में उन्हें अपनी टीम में शामिल कर एक बड़ा दांव खेला है। यह देखा जाएगा कि सिमरन इस बार WPL 2025 में अपनी नई टीम के लिए किस तरह का प्रदर्शन करती हैं। उनकी बल्लेबाजी की क्षमता और संघर्षों को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सिमरन इस बार अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
पिता का संघर्ष और सिमरन की सफलता
सिमरन (Simran Shaikh) के पिता जाहिद अली ने अपनी बेटी के संघर्ष और सफलता के बारे में बताया। उन्होंने ANI से बातचीत में कहा, “जब सिमरन छोटी थी, तो उसे क्रिकेट खेलने की बेहद इच्छा थी, लेकिन लोग उसे क्रिकेट खेलने पर डांटते थे और ताने मारते थे। हालांकि, सिमरन ने कभी किसी की परवाह नहीं की और अपनी राह पर चलती रही। वह सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान देती रही और अंततः उसने अपने सपने को सच किया।”
जाहिद अली ने आगे कहा, “हम एक गरीब परिवार से हैं, और उस समय हम अपनी बेटी की मदद करने की स्थिति में नहीं थे। लेकिन अब हमें गर्व है कि हमारी बेटी आज दुनिया की सबसे बड़ी महिला क्रिकेट लीग में खेल रही है।”
सिमरन का भविष्य और WPL 2025
सिमरन शेख (Simran Shaikh) का सफर न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है, जो क्रिकेट जैसे कठिन खेल में करियर बनाने का सपना देखती हैं। गुजरात जायंट्स के लिए उनका चयन इस बात का प्रतीक है कि सही मौके और मेहनत से कोई भी खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। अब यह देखना बाकी है कि सिमरन WPL 2025 में गुजरात जायंट्स के लिए कैसी भूमिका निभाती हैं और क्या उनका प्रदर्शन इस बार पहले से बेहतर होगा।सिमरन की कहानी उन सभी के लिए एक संदेश है जो मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा रखते हैं।