Nitish Reddy: नितीश कुमार रेड्डी (Nitish Reddy) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भारतीय टीम को संकट से निकाला और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नितीश ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ आठवें विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी की, जिससे भारतीय टीम फॉलोऑन बचाने में सफल रही। नितीश ने इस मैच में अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
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नितीश के पहले शतक पर पिता की प्रतिक्रिया

बताते चले कि, नितीश (Nitish Reddy) के पिता मुत्याला रेड्डी, अपने बेटे के पहले शतक पर बेहद खुश हैं और इस उपलब्धि को अपने परिवार के लिए खास मानते हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारे परिवार के लिए एक बहुत ही खास दिन है, जिसे हम जीवन भर नहीं भूल सकते। नितीश 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और यह उसके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।” जब उनसे पूछा गया कि नितीश 99 रनों पर थे तो वह क्या महसूस कर रहे थे, तो उन्होंने कहा, “मैं बहुत टेंशन में था क्योंकि मोहम्मद सिराज आखिरी विकेट थे और हम डर रहे थे कि कहीं वह आउट न हो जाएं।”
99 रनों पर खड़े थे और शतक को लेकर सभी को थी चिंता

नितीश रेड्डी (Nitish Reddy) 99 रनों पर खड़े थे और उनके शतक को लेकर सभी को चिंता हो रही थी। उस समय वह नॉन-स्ट्राइकर एंड पर थे और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस जसप्रीत बुमराह को गेंदबाजी कर रहे थे। बुमराह ने ओवर की दो गेंदों को डॉट किया, लेकिन तीसरी गेंद पर वह आउट हो गए। इस समय सबको यह डर था कि नितीश अपना शतक पूरा कर पाएंगे या नहीं, क्योंकि अब सिराज उनके साथ थे और किसी को भी नहीं पता था कि क्या वह शतक पूरा कर पाएंगे। लेकिन सिराज ने अगली तीन गेंदों को डॉट खेला और अगले ओवर में नितीश ने शतक पूरा किया, जिससे सभी को राहत मिली।
नितीश का करियर और प्रदर्शन

नितीश रेड्डी (Nitish Reddy) ने अपनी टेस्ट करियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच से की थी, जहां उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया था। अब तक वह भारतीय टीम के लिए कुल 284 टेस्ट रन बना चुके हैं। घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। 26 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम पर 958 रन दर्ज हैं और उन्होंने 22 लिस्ट-ए मैचों में 403 रन बनाए हैं। उनकी बल्लेबाजी की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। नितीश कुमार रेड्डी का यह शतक न केवल उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी एक अहम मोड़ साबित हुआ है।
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