राजस्थान के कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में NEET की तैयारी कर रही एक 16 साल की बच्ची ने फंदे पर लटककर जान दे दी है। बता दे कि कोटा में पिछले 8 महीने में 25 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे ऐसे थे जो टेस्ट में फेल हुए या फिर घर परिवार की टेंशन थी।
कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां नीट तैयारी कर रही एक और छात्रा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। बता दे कि मृतक छात्रा झारखंड 16 वर्षीय एनईईटी अभ्यर्थी ने राजस्थान जिले के विज्ञान नगर इलाके में अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगा ली। इस घटना की जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी। इसी साल के इन आठ महीनों में ये आंकड़ा 25 पहुंच गया है. राज्य सरकार, प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के तमाम प्रयासों के बावजूद ये घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही।
इस महीने में हुई सबसे ज्यादा मौत…
बीते 8 महीने में कोटा की कोचिंग संस्थाओं में UP-बिहार समेत कई राज्यों से पढ़ने आए 23 बच्चों ने पढ़ाई के बोझ में दबकर जान दे दी है। सबसे ज्यादा 7 आत्महत्या के मामले अगस्त और जून महीने में सामने आए हैं। वहीं, जुलाई में 2 और मई में 5 आत्महत्या के मामले आए हैं।
रांची की रहने वाली थी, पांच महीने पहले आई थी…
एएसआई अमराराम ने बताया कि रांची के झारखंड की रहने वाले रिचा सिन्हा (16) पांच महीने पहले मई में कोटा आई थी। वार्डन अर्चना ने बताया कि एक महीने पहले बच्ची के पिता से बात हुई थी। तब कॉल कर उन्हें बेटी से आकर मिलने का कहा था। इस पर उन्होंने बताया था कि वे वे कुछ ही दिनों में आएंगे, लेकिन आए नहीं। इधर, दो दिन से रिचा की तबीयत भी ठीक नहीं थी। उसे जुकाम और बुखार था। मंगलवार सुबह जब वह खाना खाने मैस में आई तो सुबह मेडिसिन दी थी, लेकिन शाम को उसने रूम में ही खाना मंगवाया।
आत्महत्या के पीछे के कारण की जांच कर रही पुलिस, नहीं मिला सुसाइड नोट…
विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक के सहायक अमर चंद ने कहा,”पुलिस को मंगलवार रात करीब 10.30 बजे छात्रा की मौत की जानकारी मिली। पुलिस को उस निजी अस्पताल से सूचना मिली, जहां छात्रा को इलाज के लिए ले जाया गया था। चंद ने कहा कि स्टूडेंट के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल भेजा गया है। पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारण की जांच कर रही है।
8 महीने में 24 छात्रों ने की आत्यहत्या…
कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में कमी नहीं आ रही है। हर दिन कोटा से छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं। छात्रों के माता-पिता में भी अब उन्हें कोटा भेजने से डर रहे हैं। कई छात्रों के माता-पिता उनके साथ कोटा में ही रहने लगे हैं, जिससे वह उनका ध्यान रख सकें। वहीं, अब तक बीते 8 महीनों में कुल 24 बच्चों ने आत्महत्या कर ली है।
27 अगस्त को एक दिन दो छात्रों ने दी थी जान…
गौरतलब है कि बीती 27 अगस्त को ही कोटा में दो छात्रों के खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी। दोनों छात्रों की आत्महत्या की घटना ने एक बार फिर पूरे सिस्टम को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक कोटा में कुल 25 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। शहर में छात्रों द्वारा खुदकुशी के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोटा प्रशासन ने हाल ही में हॉस्टल और पीजी में स्प्रिंग वाले सीलिंग फैन लगाने का आदेश जारी किए थे। इसके अलावा भी प्रशासन आत्महत्या के मामलों को कम करने की कोशिश कर रहा है लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है।
राज्य सरकार ही नहीं बल्किब समाज में प्रतिस्पर्धा को लेकर सभी के सामने सुसाइड का मुद्दा बड़ी चुनौती बन गया है। छात्रों के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर सोमवार को राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ महेश जोशी ने कहा कि देश में कोचिंग सिस्टम बैन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर एक पॉलिसी लानी चाहिए जिससे कि इस देश में कोचिंग सिस्टम बैन हो।