Sanjeev Mukhiya Arrested: बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नीट पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। संजीव मुखिया पर 3 लाख का इनाम घोषित था। नीट परीक्षा के पेपर लीक मामले में उसकी अहम भूमिका को लेकर जांच एजेंसियों ने उसे पकड़ने के लिए कई महीने से छापेमारी की थी।
Read More: CBSE 10th 12th Result Date 2025: हर मिनट बढ़ रहा रिजल्ट का इंतजार, कब आएगा 10वीं-12वीं का परिणाम ?
कहां का रहने वाला है संजीव मुखिया ?
बताते चले कि, संजीव मुखिया बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का रहने वाला है और उसे स्थानीय रूप से ‘लूटन मुखिया’ के नाम से भी जाना जाता है। वह नीट के अलावा कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में आरोपी रहा है। 5 मई 2024 को जब नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, तो वह फरार हो गया था और उसके बाद से उसकी गिरफ्तारी के लिए STF द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे।
5 मई 2024 को लीक हुआ था नीट का पेपर
5 मई 2024 को हुई नीट परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से संजीव मुखिया पर शक जताया जा रहा था कि उसने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 11 मई 2024 को झारखंड के देवघर से 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें से एक आरोपी चिंटू था, जो संजीव मुखिया का रिश्तेदार था। जांच में यह सामने आया कि नीट के प्रश्नपत्र और उसके उत्तर की पीडीएफ फाइल 5 मई की सुबह चिंटू के व्हाट्सएप पर आई थी, जिसे फिर लर्न एंड प्ले स्कूल में रखे गए वाईफाई प्रिंटर से प्रिंट किया गया और छात्रों को दिया गया।
पहली बार 2010 में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए सामने आया था नाम
संजीव मुखिया का नाम पहली बार साल 2010 में सामने आया था, जब उसने ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करके छात्रों को नकल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद 2016 में बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक मामले में भी उसका नाम सामने आया था। इन घटनाओं ने उसे बिहार के प्रमुख पेपर लीक आरोपियों में शुमार कर दिया था।
बिहार सरकार ने की थी 3 लाख के इनाम की घोषणा
7 अप्रैल 2025 को बिहार सरकार ने नीट पेपर लीक मामले में फरार चल रहे संजीव मुखिया पर 3 लाख का इनाम घोषित किया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार के विभिन्न जिलों में छापेमारी की थी, साथ ही दूसरे राज्यों में भी उसकी गिरफ्तारी के लिए जांच की जा रही थी। हालांकि, संजीव मुखिया लंबे समय तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।
पैसे के बल पर बनाई राजनीतिक पहचान
ग्रामीणों के अनुसार, संजीव मुखिया ने पैसे के बल पर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई थी। उन्होंने अपनी पत्नी ममता कुमारी को लोक जनशक्ति पार्टी से हरनौत विधानसभा सीट पर जेडीयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, इस चुनाव में ममता कुमारी को करारी हार का सामना करना पड़ा। संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के साथ ही यह साफ हो गया कि बिहार पुलिस और जांच एजेंसियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है, जो कई सालों से चल रही थी। STF द्वारा की गई इस गिरफ्तारी ने नीट पेपर लीक मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ा संदेश भेजता है।
Read More: CBSE 10th 12th Result 2025: 10वीं-12वीं का रिजल्ट कब आएगा? रिजल्ट डेट बस एक क्लिक में जानें…