By-Election: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के रायगंज में एक मतदान केंद्र पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यकर्ताओं और भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष के बीच झड़प की घटना सामने आई है। भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष ने आरोप लगाया है कि टीएमसी समर्थक वोट डालने आने वाले लोगों को लगातार परेशान कर रहे हैं और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
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भाजपा उम्मीदवार का आरोप
भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष ने आरोप लगाया है कि टीएमसी समर्थक वोटरों को डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं। घोष का कहना है कि वे चाहते हैं कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो और हर कोई स्वतंत्र रूप से अपना वोट डाल सके। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी ने 2-4 बूथों पर गड़बड़ी करने की कोशिश की गयी जिसके विरोध में उन्होंने आवाज उठाई और उसके बाद हंगामा शुरू हो गया।
सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
बुधवार सुबह 7 बजे से सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया। ये उपचुनाव लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर समेत कई दिग्गज और नए चेहरे इस चुनाव में मैदान में हैं। विक्रवंडी विधानसभा क्षेत्र से डीएमके उम्मीदवार अन्नियुर शिवा ने एएनआई से बातचीत में उपचुनाव में भारी अंतर से जीतने का भरोसा जताया।
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पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों पर मतदान
पश्चिम बंगाल में रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, सुबह 11 बजे तक इन चार विधानसभा सीटों पर 24.25 प्रतिशत मतदान हुआ। राणाघाट दक्षिण (एससी) में सबसे अधिक 26.32 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद रायगंज में 25.98 प्रतिशत मतदान हुआ।
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आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर
घटना के बाद भाजपा और टीएमसी के बीच आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला तेज हो गया है। भाजपा उम्मीदवार मानस कुमार घोष ने टीएमसी पर मतदाताओं को डराने-धमकाने और मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, टीएमसी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर माहौल को खराब कर रही है।
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टीएमसी का जवाब
टीएमसी के नेताओं ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य हमेशा से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराना रहा है। टीएमसी नेताओं ने कहा कि भाजपा चुनाव में अपनी संभावित हार को देखकर बौखला गई है और इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। टीएमसी ने प्रशासन से अपील की है कि वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि चुनावी प्रक्रिया प्रभावित न हो।
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चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने का निर्देश दिया है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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आगे की कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घटना के बाद स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पुलिस ने संबंधित क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
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राजनीतिक माहौल में उबाल
रायगंज में हुई इस घटना ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे घटनाओं से मतदाताओं का मनोबल प्रभावित हो सकता है और चुनाव के परिणामों पर भी इसका असर पड़ सकता है। इस घटना के बाद, मतदाताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने सख्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। मतदान केंद्रों पर पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ-साथ मतदाताओं को बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आश्वासन दिया गया है। वोटरों ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व है और इसे शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न होना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने समर्थकों को संयम बरतने और चुनावी आचार संहिता का पालन करने की सलाह दें।
रायगंज में टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प ने उपचुनाव के माहौल को गरमा दिया है। हालांकि, प्रशासन और चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक दलों और मतदाताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराना कितना महत्वपूर्ण है।