Bangladesh Protest: बांग्लादेश में रविवार को एक बार फिर से हिंसा ने भयानक रूप धारण कर लिया है, हर तरफ नरसंहार मचा हुआ वो भी तब जब राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। इस झड़प में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। मारे गए लोगों में 14 पुलिसकर्मी और अवामी लीग के छह नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं।
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दुकानों और मॉल्स पर असर
ढाका में बढ़ते तनाव और हिंसा के चलते अधिकांश दुकानें और मॉल्स बंद हैं। शाहबाग क्षेत्र में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदर्शनकारी भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले नारे लगाते हुए हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन
प्रदर्शनकारी सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर एक ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग ले रहे थे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और दोनों पक्षों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
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मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं
समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुंशीगंज में हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। हालांकि, खबर में मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। एक और समाचार पोर्टल ‘बीडीन्यूज24’ के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग की।
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भारतीय नागरिकों के लिए चेतावनी
भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों से सतर्क रहने और संपर्क में रहने को कहा है। भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित सभी भारतीयों को आपातकालीन स्थिति में हेल्पलाइन नंबर +88-01313076402 पर संपर्क करने की सलाह दी है।
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प्रधानमंत्री का सख्त रुख
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वालों को ‘आतंकवादी’ कहा और उनसे कड़ाई से निपटने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं।” प्रधानमंत्री ने एक सुरक्षा बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी मौजूद थे।
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कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग
प्रदर्शनकारी विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। हाल ही में भड़की हिंसा पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद फिर से भड़क उठी है।
नोबेल पुरस्कार विजेता का बयान
नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में फैली अशांति पड़ोसी देश भारत में भी फैल सकती है। उन्होंने कहा कि इसे बांग्लादेश का आंतरिक मामला कहना दु:खद है।
आखिर क्या होगा बांग्लादेश का भविष्य?
इस हिंसा और तनाव के बीच बांग्लादेश के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्या प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देंगी या हिंसा और बढ़ेगी? यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है। जनता को न्याय और शांति की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल स्थिति काफी तनावपूर्ण है।
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