Waqf Board: केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संशोधित बिल को लेकर बीते कई दिनों तक सदन में विपक्ष का हंगामा देखा गया जिसको लेकर सदन में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी राहुल गांधी से लेकर सपा सांसद अखिलेश यादव ने इसका विरोध किया।इस बीच बिहार की राजधानी पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गांव में रहने वाले लोगों को लगातार नोटिस भेजा जा रहा जिसमें दावा किया गया कि,गांव की जमीन वक्फ बोर्ड की है और गांव के लोगों को अपने-अपने घरों को खाली करने के लिए 30 दिनों का नोटिस दिया गया है।
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गांव की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे से स्थानीय परेशान
आपको बता दें कि,सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जिस गांव को लेकर दावा किया गया है वहां करीब 95 प्रतिशत हिंदू परिवार रहते हैं उनकी पुश्तैनी जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोका है।इस पूरे मामले को लेकर गांव के लोगों का कहना है कि,अपनी शिकायत लेकर वो कई बार अधिकारियों के पास भी गए लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली इसके बाद उन लोगों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां वक्फ बोर्ड अपना कोई सबूत पेश नहीं कर सका कोर्ट से पीड़ितों को राहत मिल गई लेकिन डर में जीने को मजबूर है उनका मानना है वक्फ बोर्ड फिर कभी भी दावा कर सकता है कि,ये जमीन उनकी है।
कागजातों में दर्ज ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीन
पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव में लोगों को जो नोटिस मिला है उसमें उनकी जमीन को कब्रिस्तान की जमीन बताया गया है गांव के लोगों ने मीडिया को भी अपनी जमीन के कागजात दिखाए कागजों के मुताबिक भी ग्रामीणों की ये पुश्तैनी जमीन है जहां उनके दादा-परदादा भी रहे हैं।गांव वालों ने वक्फ बोर्ड से भी जमीन के अधिकार के कागजात दिखाने को कहा जिस पर वो कागजात नहीं दिखा सके गांव के लोगों का कहना है कि,वक्फ बोर्ड की ओर से उनकी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है जिन लोगों को नोटिस मिला है उनके घर के पीछे एक मजार है।
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जिलाधिकारी की जांच में वक्फ बोर्ड का दावा निकला गलत
वहीं नोटिस मिलने के बाद इलाके के लोगों में भय का माहौल है जिसको देखते हुए बिहार शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास ने कहा कि,वक्फ बोर्ड किसी की जमीन पर कब्जा नहीं करता वक्फ बोर्ड किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगा और फतुहा में लोगों को इसके लिए डरने की जरुरत नहीं है।हालांकि परेशान गांव वालों ने जिलाधिकारी से शिकायत करके संरक्षण मांगा है.
गांववालों की फरियाद पर जिलाधिकारी ने जांच कराई तो पता चला कि,जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा सरासर गलत है ग्रामीणों के पास जमीन के सभी पुख्ता कागजात हैं सभी सरकारी रिकॉर्ड में जमीन को पुश्तैनी बताया गया है ये जमीन पुरखों से उनके नाम पर चली आ रही है इससे जाहिर है कि,जमीन पर वहां रहे लोगों का ही अधिकार है।
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