Waqf bill: सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर बड़ी सुनवाई होने जा रही है। यह कानून इस समय देशभर में चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है। एक ओर जहां इस कानून के समर्थन में कुछ राज्य सरकारें और संगठन सामने आए हैं, वहीं दूसरी ओर इसके विरोध में कई विपक्षी नेता, सामाजिक संगठन और धार्मिक संस्थाएं सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं। आज दोपहर 2 बजे चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच इस पर सुनवाई करेगी।
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सुप्रीम कोर्ट में 20 से अधिक याचिकाएं दाखिल
वक्फ कानून को लेकर 20 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं, जिनमें इसकी वैधानिकता को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस कानून पर अंतरिम रोक लगाई जाए। इनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, कांग्रेस के इमरान मसूद और उदित राज, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, आरजेडी नेता मनोज झा, सीपीआई (एम) के मोहम्मद सलीम, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।
इस बीच केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है ताकि किसी भी अंतरिम आदेश से पहले सरकार का पक्ष सुना जा सके। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने भरोसा जताया है कि सुप्रीम कोर्ट इस विधायी मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करना चाहिए।
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नरेंद्र मोदी का वक्फ की दिशा में बड़ा कदम
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले हरियाणा में एक कार्यक्रम के दौरान वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए इसे “असली सामाजिक न्याय” की दिशा में बड़ा कदम बताया था। उन्होंने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है।
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ममता बनर्जी ने की धार्मिक नेताओं के साथ की बैठक
पश्चिम बंगाल में इस कानून के विरोध में हिंसा की खबरें आई हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं के साथ बैठक बुलाई है, जो नेताजी इंडोर स्टेडियम में हो रही है। इस बैठक में वक्फ संशोधन अधिनियम के प्रभावों पर चर्चा की जा रही है।