WAQF Bill 2024: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 (WAQF Bill 2024) पर संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee of Parliament) की बैठक में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया. बैठक से कई विपक्षी सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सदस्य पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया. न्यूज एजेंसी के मुताबिक इसमें संजय सिंह, कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, ए. राजा, मोहम्मद अब्दुल्ला और अरविंद सावंत जैसे प्रमुख विपक्षी नेता शामिल थे. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि बीजेपी के एक सदस्य ने उनके खिलाफ असभ्य और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद हंगामा करते हुए वे बैठक से बाहर निकल गए. हालांकि, करीब एक घंटे के बाद विपक्षी सदस्य बैठक में वापस लौट आए.
समिति के अध्यक्ष पर भी लगे आरोप
बताते चले कि विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल (Jagdambika Pal) सही तरीके से बैठक का संचालन नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि बैठक मिति नियमों के अनुसार नहीं चल रही है और यह समिति निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रही है. विपक्षी सांसदों ने कहा कि वे इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उठाएंगे. यह लगातार दूसरा दिन है जब विपक्षी सांसद बैठक के दौरान अपनी असहमति के चलते बाहर चले गए.
विपक्ष ने किया सोमवार की बैठक का बहिष्कार
आपको बता दे कि, इससे पहले, सोमवार (14 अक्टूबर) को भी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए बुलाई गई संयुक्त समिति की बैठक का विपक्षी नेताओं ने बहिष्कार किया था. उस दौरान भी विपक्षी सांसदों ने समिति की कार्यवाही पर आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि वक्फ विधेयक को लेकर हो रही बैठकों में उनकी राय और सुझावों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
वक्फ संशोधन विधेयक पर विभिन्न संगठनों का विरोध
इस बैठक के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी (Mahmood Madani) भी उपस्थित रहे. उन्होंने समिति के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि उनका संगठन वक्फ (संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का समर्थन नहीं करता. महमूद मदनी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनकी देखरेख के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित बदलाव सही दिशा में नहीं हैं और इससे अल्पसंख्यक समुदायों के हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
देशभर से सुझाव मांग रही है समिति
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा और विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee of Parliament) ने देशभर के नागरिकों और संगठनों से सुझाव मांगे हैं. इस विधेयक को लेकर विभिन्न समुदायों और संगठनों में मतभेद देखने को मिल रहे हैं. कई संगठनों का मानना है कि प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों के अधिकारों और प्रबंधन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि समिति की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं है और उनके सुझावों को नजरअंदाज किया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि समिति में बीजेपी के सदस्यों का वर्चस्व है और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है.
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विधेयक पर विवाद जारी
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. जहां एक तरफ बीजेपी इसे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और संरक्षण के लिए जरूरी कदम बता रही है, वहीं विपक्षी दल और कुछ मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) का मानना है कि इस विधेयक से अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का हनन होगा. इस विधेयक पर आगे क्या दिशा मिलेगी, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा. लेकिन फिलहाल, इसे लेकर संसद और समितियों में तनाव बना हुआ है.