Sonam Wangchuk : लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिनों से धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। उनके भूख हड़ताल पर रहने की वजह लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करना था।
जिसे लेकर वे पिछले 20 दिनों से लेह में शून्य से नीचे के तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस तापमान के बावजूद भी उनके प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही थी। दावा है कि पिछले 21 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए हैं। वहीं आखिरकार आज वो अपनी भूख हड़ताल खत्म कर चुके है , लेकिन वांगचुक ने कहा कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है ये लड़ाई जारी रहेगी….
Read more : मुंबई पुलिस की हिरासत में Munawar Faruqui,जानें क्या है आरोप?
” सरकार बदल सकते हैं”
इस दौरान सोनम वांगचुक ने कहा,- ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है, हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम नहीं करने पर सरकार बदल सकते हैं।”
Read more : सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में AAP विधायकों का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन
PM मोदी से अपने चुनावी वादे पूरे करने की अपील की..
इससे पहले मंगलवार सुबह वांगचुक ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने चुनावी वादे पूरे करने की अपील की थी। वांगचुक ने कहा था- PM मोदी भगवान राम के भक्त हैं। उन्हें राम की ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ शिक्षा का पालन करना चाहिए।
Read more : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 6 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने किया ढेर,इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी…
आर्टिकल 370 हटने के बाद शुरू हुआ आंदोलन
आपको बता दें कि 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाते ही दोनों राज्यों के विशेष संवैधानिक पॉवर खत्म हो गई थी। जहां केंद्र ने जम्मू और कश्मीर को तो राज्य का दर्जा दे दिया था, लेकिन लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया है। जिसको लेकर वांगचुक का कहना है कि-” केंद्रशासित राज्य होने के कारण इसकी सत्ता का केंद्र दिल्ली से है और इस वजह से यहां इंडस्ट्रीज आकर पर्यावरण के साथ तो छेड़छाड़ कर ही रही है, साथ ही यहां के लोगों के विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।”