Vodafone Idea Share Price: वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज बाजार खुलते ही 10% का अपर सर्किट लग गया। यह तेजी सरकार के एक अहम फैसले के बाद देखने को मिली है। सरकार ने वोडाफोन आइडिया के स्पेक्ट्रम बकाए को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। इसके चलते अब कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 48.99% हो जाएगी। इस फैसले को लेकर एनालिस्ट ने भी अपनी राय दी है और इस स्टॉक के भविष्य पर कुछ महत्वपूर्ण नोट जारी किए हैं।
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सरकार ने स्पेक्ट्रम बकाए को इक्विटी में बदलने का लिया निर्णय

सरकार का यह निर्णय टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। सरकार के इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया को अपने स्पेक्ट्रम बकाए के रूप में ₹36,950 करोड़ की रकम को इक्विटी में बदलने का मौका मिलेगा। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद है।सरकार ने वोडाफोन आइडिया के AGR बकाए में आंशिक छूट की मांग को अस्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया। यह कदम 2021 में सरकार द्वारा अनुमोदित किए गए राहत पैकेज का हिस्सा है, जिसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान को इक्विटी में बदलने का अधिकार मिलता है।
कितने शेयर जारी होंगे और किस कीमत पर?

वोडाफोन आइडिया द्वारा जारी किए जाने वाले नए शेयरों की संख्या 3,695 करोड़ रहेगी। ये शेयर ₹10 प्रति शेयर की दर पर जारी किए जाएंगे। यह कीमत इसलिए तय की गई है क्योंकि कंपनी अधिनियम के अनुसार, रियायती मूल्य पर शेयर जारी नहीं किए जा सकते। 28 मार्च को वोडाफोन आइडिया के शेयर का मूल्य ₹6.80 था, लेकिन कंपनी के द्वारा शेयरों के कन्वर्जन की प्रक्रिया ₹10 प्रति शेयर के मूल्य पर की जा रही है।
सरकार की हिस्सेदारी में होगा बड़ा बदलाव

वोडाफोन आइडिया के स्पेक्ट्रम बकाए को इक्विटी में बदलने के बाद सरकार की हिस्सेदारी 22.60% से बढ़कर 48.99% हो जाएगी। यह वोडाफोन आइडिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि इस कदम से सरकार की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हो रही है। यह कदम सरकार के लिए फायदे का सौदा हो सकता है, क्योंकि इससे उसे कंपनी में और भी प्रभावी भूमिका मिल सकती है।
क्या सरकार कर्ज को इक्विटी में बदल सकती है?
वर्तमान में सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 48.99% हो गई है। हालांकि, कंपनी अधिनियम और 2021 के राहत पैकेज के तहत सरकार के पास और अधिक कर्ज को इक्विटी में बदलने का विकल्प है। अगर सरकार का कर्ज इक्विटी में बदला जाता है और उसकी हिस्सेदारी 50% से अधिक हो जाती है, तो वोडाफोन आइडिया एक सरकारी कंपनी (PSU) बन जाएगी।
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पहले भी किया गया था कर्ज को इक्विटी में बदलने का प्रयास

यह डेट-टू-इक्विटी कन्वर्जन का दूसरा दौर है। 2023 में भी सरकार ने ₹16,133 करोड़ के कर्ज को ₹10 प्रति शेयर की दर से इक्विटी में बदला था। हालांकि, इसके बाद से सरकार की होल्डिंग का भाव 32% घट चुका है। अब फिर से सरकार की हिस्सेदारी बढ़ने के साथ कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
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वोडाफोन आइडिया का भविष्य
एनालिस्ट्स का मानना है कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आने वाली तेजी कुछ समय तक बनी रह सकती है। सरकार के इस फैसले के बाद कंपनी को वित्तीय राहत मिलती है, जो इसके भविष्य को स्थिर कर सकती है। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।