Manipur News: मणिपुर में पिछले 16 महीनों से चल रही हिंसा के बीच एक नई चुनौती सामने आई है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार से लगभग 900 आतंकवादी मणिपुर में घुसपैठ कर चुके हैं। इन आतंकवादियों का लक्ष्य राज्य में संगठित होकर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना है, जो स्थानीय सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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सुरक्षा तंत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को उच्चतम स्तर पर अलर्ट किया गया है। म्यांमार से सटे पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जहां कुकी जनजाति का काफी प्रभाव है। सुरक्षा बलों को चेतावनी दी गई है कि ये आतंकवादी ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे उनकी गतिविधियों की गंभीरता बढ़ गई है।
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कुकी बहुल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ये आतंकवादी कुकी बहुल क्षेत्रों में प्रवेश करने और वहां से स्थानीय मैतेई जनसंख्या को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने सभी एसपी और पुलिस अधिकारियों को इस खतरे के प्रति सजग रहने के लिए निर्देशित किया है। कुलदीप सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट शत प्रतिशत सही है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
हाल ही में हुई हिंसक घटनाएं
हाल के दिनों में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाओं ने सुरक्षा स्थिति को और अधिक चिंताजनक बना दिया है। जिरीबाम जिले में हुई हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई, जबकि एक व्यक्ति की सोते समय हत्या कर दी गई। ऐसी घटनाएं राज्य की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को और भी बिगाड़ सकती हैं। इंफाल पूर्वी जिले में कुछ असामाजिक तत्वों ने मणिपुर राइफल्स की दो बटालियनों के शस्त्रागार से हथियार लूटने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने इस प्रयास को नाकाम करने के लिए आंसू गैस के गोले और खाली राउंड फायर किए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित किया गया और इस तरह के प्रयासों को समय रहते रोक दिया गया।
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इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गयी
राज्य में बढ़ती हिंसा और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नफरत फैलाने वाले संदेशों को रोकना जरूरी है ताकि स्थिति और अधिक बिगड़ने से बची जा सके। इस निर्णय ने लोगों के लिए संवाद का एक महत्वपूर्ण साधन छीन लिया है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह कदम आवश्यक बताया जा रहा है। मणिपुर की स्थिति को लेकर सख्त नजर रखने की आवश्यकता है।