Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल भारत में बल्कि यूनाइटेड किंगडम तक चर्चा का विषय बन गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन (Mahaayuti Alliance) ने लेटेस्ट रुझानों के अनुसार बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। राज्य की 288 सीटों वाली विधानसभा में महायुति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 209 सीटों पर बढ़त बनाई है।
महाराष्ट्र की राजनीति UK में बनी चर्चा का केंद्र
महाराष्ट्र को भारत की वित्तीय राजधानी और सबसे धनी राज्य माना जाता है। इसका 2022-23 का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) ₹2.89 लाख करोड़ था। ऐसे में राज्य के चुनाव परिणाम केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि यूनाइटेड किंगडम में बसे प्रवासियों पर भी प्रभाव डालते हैं। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी खबरें और सर्च वॉल्यूम तेजी से बढ़े हैं, जो प्रवासी भारतीयों की दिलचस्पी को दर्शाता है। बाहर रह कर भी भारतीय अपने देश के चुनाव में काफी दिलचस्पी दिखा रहे है।
महायुति की ऐतिहासिक जीत, सत्ता विरोधी लहर हुई बेअसर
महायुति (भाजपा-शिवसेना शिंदे गुट-रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया) ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) के दावों और सत्ता विरोधी लहर को दरकिनार करते हुए बड़ी जीत हासिल की है। 288 सीटों में से 209 सीटों पर आगे चलकर महायुति ने बहुमत के आंकड़े (145) को आसानी से पार कर लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठबंधन ने राज्य में स्थिरता और विकास के एजेंडे पर वोटरों का भरोसा जीता।
एमवीए का संघर्ष: दावे बड़े, नतीजे छोटे
विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए), जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, ने इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर को भुनाने की पूरी कोशिश की। कांग्रेस ने 101 सीटों पर, शिवसेना (यूबीटी) ने 95 सीटों पर, और एनसीपी ने 86 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। हालांकि, मतदाताओं ने एमवीए के दावों को खारिज कर दिया। वहीं, बसपा ने 237 और एआईएमआईएम ने 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन इनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा।
2019 की तुलना में 2024 में अधिक वोटिंग
2024 के विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने अधिक उत्साह दिखाया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 66.05% मतदान दर्ज किया गया, जो 2019 के 61.1% से अधिक है। यह साफ दिखाता है कि सत्तारूढ़ महायुति के लिए मतदाताओं में व्यापक समर्थन था।
मुख्यमंत्री पद की रेस में फडणवीस का नाम सबसे आगे

महायुति की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम इस दौड़ में सबसे आगे है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक अनुभव के चलते वह फिर से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। हालांकि, एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बने रहने की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता। भाजपा आलाकमान का फैसला ही तय करेगा कि महाराष्ट्र की गद्दी पर कौन बैठेगा। इस बीच, फडणवीस के घर पर हो रही हलचल और भाजपा अध्यक्ष के उनके आवास पर पहुंचने से सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
महायुति की जीत के पीछे क्या है राज?
- स्थिरता का संदेश: महायुति ने स्थिर और विकासशील सरकार देने का वादा किया।
- एकनाथ शिंदे की अपील: शिवसेना के शिंदे गुट ने परंपरागत वोटरों का भरोसा बनाए रखा।
- भाजपा की रणनीति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने अपने अभियान को प्रभावशाली ढंग से संचालित किया।
- एमवीए की कमजोरियां: विपक्षी गठबंधन आपसी तालमेल और मुद्दों को लेकर स्पष्टता दिखाने में असफल रहा।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में महायुति की प्रचंड जीत यह साबित करती है कि मतदाता अब स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और महायुति का नेतृत्व राज्य की गद्दी पर किसे बैठाता है।