Jalna Maratha Protest: 1 सितंबर 2023 शुक्रवार को महाराष्ट्र के जालना जिले में माराठा आरक्षण आंदोलन हिसंक हो गया। आंदोलन में देखते ही देखते हिंसा भड़क गई। हिंसा में पत्थरबाजी और लाठीचार्ज खूब चली। इस दौरान हिंसा में करीब 42 पुलिस कर्मी समेत 20 आंदोलन कारी घायल हो गए। अधिकारियों की मिली जानकारियों के अनुसार अंबाड तहसील में धुले – सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ में तितर – बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्च किया। पुलिस ने उपद्रियों की भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। सभी घायलों को इलाज के लिए अंतरवाली गांव के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्या है माराठा आंदोलन
महाराष्ट्र में एक बार फिर से मराठा आरक्षण आंदोलन भड़क उठा है। महाराष्ट्र में मराठो की आबादी राज्य की कुल आबादी का 33 प्रतिशत है। और वे अपने लिए सरकारी नौकरी में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मुश्किल यह है कि अगर इन्हें अलग से आरक्षण दिया जाता है, तो आरक्षण की अधिकतम सीमा पार हो जाएगी। अगर माराठों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर उन्हें आरक्षण दिया गया तो ओबीसी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। राज्य की बीजेपी सरकार आंदोलन की आग पर पानी डालने को मराठा को भी आरक्षण देने का रास्ता निकालने में जुटी हुई है, लेकिन स्थिति एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई वाली है।
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आंदोलन कारियों और पुलिस के बींच झड़प
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए हो रहा आंदोलन में आंदोलनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई। पुलिस और आंदोलनकारियों की झड़प संघर्ष में तब्दील हो गई। बता दें कि उपद्रियों ने बसों में आग लगा दी। इसके साथ ही पत्थरबाजी कर तोड़ फोड़ की। पुलिस उपद्रियों को रोकने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया। पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर- बितर किया गया। इसके साथ ही हिंसा पर काबू पाने के लिए आंसू गैस को छोड़ा गया। घटना के दौरान 42 पुलिसकर्मी समेत 20 प्रर्दशनकारी घायल हो गए।
3 जिलों में बंद का आह्वान
आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने आज शनिवार (2 सितम्बर) को नंदुरबार, बीड और जालना में बंद का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारी मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से भूख हड़ताल कर रहे थे। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और हिंसा की जांच के लिए समिति के गठन की घोषणा की।