Bangladesh Crises: बांग्लादेश (Bangladesh) में गंभीर राजनीतिक उथल-पुथल के बाद, 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली आईं. उनके इस्तीफे के तुरंत बाद, हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, जिससे देश में भारी अशांति फैल गई. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति और निजी वस्तुओं को नुकसान पहुंचाया. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो हैरान करने वाले थे, जिनमें शेख हसीना के आवास पर हमला और लूटपाट के दृश्य शामिल थे.
Read More: लोकसभा में निशिकांत दुबे का Congress पर हमला…राहुल गांधी की जाति को लेकर ये क्या बोले गए?
विवादित आरक्षण नीति और हिंसा
बताते चले कि बवाल की शुरुआत तब हुई जब शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार ने 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों को कई सिविल सेवा सर्विसेज में आरक्षण देने का ऐलान किया. यह निर्णय विरोध का कारण बना और सरकार ने आरक्षण को कुछ हद तक वापस भी लिया. हालांकि, विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया और व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना बुलानी पड़ी. इस दौरान हुई हिंसा में सैंकड़ों छात्रों की मौत हो गई, जिसके बाद मामला और बिगड़ गया.
विवेक अग्निहोत्री की प्रतिक्रिया
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री, जो अपने कड़क लहजों के लिए जाने जाते हैं, ने बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शनों पर टिप्पणी की. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि बांग्लादेश (Bangladesh) की सड़कों पर मौजूद भीड़ न तो छात्र हैं और न ही क्रांतिकारी. उन्होंने कहा, “उनमें से कई ठग और भूखे लोग हैं जो कुछ लूटने की ताक में हैं. अधिकांश क्रांतियां विफल हो जाती हैं क्योंकि तथाकथित क्रांतिकारी वास्तव में गरीब और भूखे लोग होते हैं जो मानते हैं कि क्रांति के बाद उनका जीवन बदल जाएगा, जो कभी नहीं होगा.”
Read More: Tajmahal पर पानी की बोतल ले जाने पर लगा प्रतिबंध,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सख्त आदेश
क्रांति और वास्तविकता
विवेक अग्निहोत्री ने आगे लिखा, “बाकी भीड़ मनोरंजन के लिए है. लोग टीवी पर ऐसी फ्लैश-क्रांति देखना पसंद करते हैं. नेटफ्लिक्स से एक अच्छा ब्रेक. आधुनिक दुनिया की दुखद कहानी: पुरानी मूर्तियां ध्वस्त कर दी जाती हैं लेकिन खड़ा करने के लिए कोई नई कानून नहीं हैं.”
प्रदर्शनकारियों का हमला
सोमवार को, शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्तीफे के बाद, हजारों बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास पर धावा बोल दिया. उन्होंने टीवी सेट, रेफ्रिजरेटर, डायर सूटकेस, बर्तन और फर्नीचर सहित उनके निजी सामान के साथ बाहर निकले. इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश (Bangladesh) में उथल-पुथल और अस्थिरता को और गहरा कर दिया है. प्रदर्शनकारियों का उग्र रुख और सरकार की प्रतिक्रियाएं देश को संकट की ओर ले जा रही हैं. विवेक अग्निहोत्री की टिप्पणी ने इस मुद्दे पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिससे बांग्लादेश की स्थिति और जटिल हो गई है.