Vinesh Phogat In Farmers Protest: शनिवार को भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। यह प्रदर्शन शंभू बॉर्डर पर चल रहा है और इस दिन किसानों के विरोध प्रदर्शन का 200वां दिन है। विनेश फोगाट किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग के समर्थन में वहां पहुंचीं।
बहरहाल, इस बात के कयास लग रहे हैं कि विनेश फोगाट जल्द राजनीति ज्वॉइन कर सकती हैं, लेकिन इन बातों में कितनी सच्चाई है? क्या विनेश फोगाट सच में पॉलिटिक्स एंट्री करने वाली हैं? वहीं इस बारें जब उनसे पूछा गया तो विनेश फोगाट ने चुप्पी साधी ली, लेकिन उन्होंने ऐसी संभावनाओं से कतई इनकार नहीं किया है।
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राजनीति में एंट्री के कयास
विनेश फोगाट की उपस्थिति के बाद से राजनीति में उनकी एंट्री को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, इस संदर्भ में विनेश ने स्पष्ट किया है कि वह इस विषय पर बात नहीं करना चाहतीं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीति में कदम रखेंगी और अगर कांग्रेस उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार बनाती है तो क्या वह चुनाव लड़ेंगी, तो विनेश ने कहा, “मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहती। मैं यहां किसानों से मिलने आई हूं। अगर आप इसे घुमाएंगे तो उनकी लड़ाई और संघर्ष बर्बाद हो जाएगा।”
किसानों की मांगों पर विनेश फोगाट का दृष्टिकोण
विनेश फोगाट ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं और सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “जब लोग मुद्दे उठाते हैं, तो उन्हें राजनीति, धर्म या समुदाय के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। सरकार को हमारे परिवार (किसानों) की बात सुननी चाहिए।
” विनेश ने अपनी पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि वह खुद किसान परिवार से हैं और समझती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें कैसे बड़ा किया।
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विनेश का फोकस किसानों की भलाई पर
विनेश ने यह भी कहा कि उनका मकसद किसानों की भलाई है और चुनाव उनके लिए प्राथमिकता नहीं है। उनका कहना है कि वे एक खिलाड़ी और भारतीय नागरिक के तौर पर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए काम कर रही हैं। विनेश फोगाट की यह उपस्थिति और उनकी टिप्पणियां स्पष्ट करती हैं कि उनका प्राथमिक ध्यान किसानों की समस्याओं पर है, और राजनीति में एंट्री के कयासों से परे, वे किसानों की भलाई के लिए काम कर रही हैं।
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किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे
अगर किसान के प्रदर्शन की बात करें तो किसान आंदोलन के शनिवार यानी 31 अगस्त को 200 दिन पूरे हो गए हैं। किसान लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें दिल्ली कूच करने के लिए रोक दिया गया था।छ