UP News: पिछले 15 दिनों में सब्जियों के दामों में अचानक आई वृद्धि ने आम जनता की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की थाली से चटनी गायब होती जा रही है। अदरक, हरी धनिया, और हरी मिर्च जैसे मसालों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। सब्जियों के दाम बढ़ने के पीछे का प्रमुख कारण बाहरी क्षेत्रों से सब्जियों की कम आपूर्ति और स्थानीय किसानों द्वारा बाजार में सब्जी की कमी बताई जा रही है। सिकंदरा स्थित नवीन फल एवं सब्जी मंडी के अध्यक्ष संजीव यादव ने बताया कि बारिश के मौसम में सब्जियों की आवक में कमी हो जाती है, जिससे दाम बढ़ जाते हैं।
Read more: Polytechnic छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में मकान मालिक पर लगाया गंभीर आरोप
खाने की थाली से गायब हो रही चटनी
सब्जियों के दामों में वृद्धि के कारण गरीब और सामान्य परिवारों को चटनी भी मयस्सर नहीं हो पा रही है। हरी धनिया का दाम 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि अदरक 300 रुपये किलो बिक रही है। हरी मिर्च, जो पहले 30 से 40 रुपये किलो बिकती थी, अब 80 रुपये किलो मिल रही है।
Read more:Delhi: भारी बारिश से सड़कों पर पानी की भरमार, सपा नेता को गोद में उठाकर कार तक पहुंचाया
सब्जियों के दामों में वृद्धि की सूची
- बैगन: 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो
- पत्ता गोभी: 30 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो
- बड़ा आलू: 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो
- टमाटर: 30 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो
- गोभी: 30 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो
- लौकी: 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो
- शिमला मिर्च: 60 रुपये से 80 रुपये प्रति किलो
- हरी मिर्च: 80 रुपये से 100 रुपये प्रति किलो
- हरी धनिया: 80 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो
- प्याज: 30 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो
बारिश और गर्मी का असर
सब्जी विक्रेता अमन दिवाकर ने बताया कि बारिश और गर्मी के कारण सब्जियों के दामों में तेजी आई है। जो सब्जियां अन्य राज्यों से आती हैं, उनके दाम ज्यादा बढ़े हैं। जबकि आगरा के आसपास से मिलने वाली हरी सब्जियों के दामों में थोड़ी कम बढ़ोतरी हुई है।
ढाबा संचालकों और घरेलू महिलाओं पर असर
सब्जियों के दाम बढ़ने से ढाबा संचालकों और घरेलू महिलाओं का बजट भी गड़बड़ा गया है। ढाबा संचालक बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने से उनके व्यवसाय पर सीधा असर पड़ा है। वहीं, घरेलू महिलाएं कहती हैं कि सब्जियों के बढ़ते दामों के कारण उन्हें अपने रसोई के बजट में कटौती करनी पड़ रही है।
इस स्थिति को देखते हुए सब्जी विक्रेताओं और मंडी के अध्यक्ष ने सुझाव दिया है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और सब्जियों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस बीच, आम जनता को उम्मीद है कि मानसून के बाद सब्जियों के दामों में कुछ राहत मिलेगी। तब तक के लिए उन्हें अपने बजट में संतुलन बनाना पड़ेगा और महंगी सब्जियों के विकल्प ढूंढने होंगे।