PM Modi News : PM मोदी ने आज दिल्ली में आध्यात्मिक गुरु श्रील प्रभुपाद की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किए। इस भारत मंडपम में विश्व वैष्णव सम्मेलन में PM मोदी शामिल हुए है। वहीं प्रभुपाद की 150वीं जयंती के अवसर और आध्यात्मिक गुरु श्रील प्रभुपाद जी के सम्मान में PM मोदी ने एक स्मारक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया है। इस दौरान PM मोदी ने कहा कि – “सैकड़ों साल पुराने भव्य राम मंदिर का सपना पूरा हुआ। अब युवा स्पिरिचुएलिटी और स्टार्टअप को एकसाथ देखने लगे हैं।

आज आपके चेहरे पर जो उल्लास दिख रहा है, इसमें रामलला के विराजमान होने की खुशी भी शामिल है। इतना बड़ा महायज्ञ संतों के आशीर्वाद से ही पूरा हुआ।”
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“ये बदलाव युवा उर्जा के कारण देश में आया है”

आपको बता दें कि 150वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि- ” साधना से सिद्धी की यात्रा श्रील प्रभुपाद जी के जीवन में हमें नजर आती है,आज दुनिया के बड़े नेता और तमाम डेलिगेट्स जब भारत आते हैं तो हमारे प्राचीन मंदिरों को देखते हैं, ये बदलाव युवा उर्जा के कारण देश में आया है।”
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“संतो ने हमें सिखाया है कि समर्पण केवल सर्व सत्ता के सामने करना”

PM मोदी ने इस संबोधन के दौरान आगे कहा कि- ” नई पीढ़ी बोध और शोध दोनों को साथ में देख रही है और आज का जवान स्पीरीचुएलीटी और स्टार्टअप दोनों की काबिलियत को पहचानता है, उन्होनें विकास के साथ विरासत और देव के साथ देश की संकल्पना को भी दोहराया, जिसके बाद उन्होनें कहा कि- “संतो ने हमें सिखाया है कि समर्पण केवल सर्व सत्ता के सामने करना, पीएम ने यह भी कहा कि जड़ों से दूर गया समाज अपने सामर्थ्य को ही भूल जाता है, दुनिया के लिए राष्ट्र एक राजनीतिक अवधारणा हो सकती है, हमारे लिए ये अध्यात्मिक अवधारणा है, जिसके बाद पीएम ने प्रभुपाद जी और चैतन्य महाप्रभु के जीव मूल्यों को याद किया।”
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“वृंदावन और मथुरा का विकास होगा”

वहीं विकास की बातों को दोहराते हुए PM मोदी ने ऐतिहासिक विरासतों का भी जिक्र किया और उस दिशा में कदम बढ़ाने की वकालत की, इसी कड़ी में पीएम ने कहा कि-” देश में वंदे भारत भी चलेगी, वृंदावन और मथुरा का विकास भी होगा, पीएम ने ‘हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, हरे कृष्णा’ कह कर अपने संबोधन को समाप्त किया। हरे कृष्ण आंदोलन को गौड़ीय आस्था का केंद्र बन चुका है।”
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कौन थे आचार्य श्रील प्रभुपाद..
आपको बता दें कि आचार्य श्रील प्रभुपाद गौड़ीय मिशन के संस्थापक थे, जिन्होंने वैष्णव आस्था के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने हरिनाम कीर्तन से मानव कल्याण का रास्ता जन जन तक पहुंचाया। हरे कृष्णा आंदोलन उन्हीं की देन है। गौड़ीय मिशन श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं और वैष्णव धर्म की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को दुनिया भर में फैला रहा है।