Bangladesh Crises: लोकसभा में बांग्लादेश (Bangladesh) में हो रही हिंसा का मुद्दा जोर-शोर से उठा. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर तीखा हमला किया. अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नए प्रधानमंत्री को ट्वीट के माध्यम से बधाई दी, लेकिन वहां हो रही हिंदुओं पर हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया. अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब गाजा के बारे में बड़े-बड़े बयान दिए गए, तो बांग्लादेश की स्थिति पर चुप्पी क्यों साधी गई?
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प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश (Bangladesh) में हाल ही में जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, वे चिंता का विषय हैं. उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में कहा है कि हमें वहां रह रहे अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए वहां के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने की बात कही. इसके विपरीत, अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बधाई तो दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर कुछ नहीं कहा.
बांग्लादेश हिंसा पर दुनिया भर में चिंता
बांग्लादेश (Bangladesh) में हो रही हिंसा पर न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है. विशेषकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना हो रही है. भारत के हिंदूवादी संगठनों ने भी इस हिंसा को रोकने की अपील की है. इसके बावजूद, भारतीय विपक्ष के नेताओं, विशेष रूप से राहुल गांधी, ने इस मसले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया. यह चुप्पी और हिंसा की अनदेखी विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करती है.
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अमेरिकी सांसदों की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसा को लेकर अमेरिकी संसद में भी चिंता जताई गई है. सांसद रिच मैककॉर्मिक ने बांग्लादेश में जारी सांप्रदायिक हिंसा की खबरों पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद आर खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति ने भी इस हिंसा की कड़ी निंदा की है. उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से स्थिति को नियंत्रित करने और दोषियों को सजा देने की मांग की है.
विपक्ष की चुप्पी पर सवाल
बांग्लादेश (Bangladesh) में हो रही हिंसा पर भारत के विपक्षी नेताओं की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेताओं ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब हम देखते हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अन्य विपक्षी नेता अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते रहे हैं. फिर बांग्लादेश हिंसा पर उनकी चुप्पी क्यों?
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कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की स्थिति
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी के तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है. झारखंड और बिहार जैसे राज्य, जो बांग्लादेश के साथ सीधे व्यापारिक संबंध रखते हैं, के नेताओं की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है. शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी के शरद पवार ने भी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारत की परंपरा और वर्तमान स्थिति
भारत की परंपरा रही है कि वह किसी भी देश में जातिगत आधार पर हो रही हिंसा या अत्याचार की कड़ी निंदा करता है, चाहे वह फिलिस्तीन-इजरायल विवाद हो, कुर्दों का मुद्दा हो या मणिपुर की हिंसा. इसके बावजूद, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर विपक्षी दलों की चुप्पी उनकी मंशा और नीतियों पर सवाल खड़े करती है. बांग्लादेश (Bangladesh) में हो रही हिंसा और भारतीय विपक्ष की चुप्पी एक गंभीर मुद्दा है जो भारत के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा में मोड़ रहा है. यह समय की मांग है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एकजुट होकर हिंसा की कड़ी निंदा करें और अपने पड़ोसी देश में शांति और सुरक्षा की स्थापना में योगदान दें.
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