Madhya Pradesh News : बालाघाट का जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। जहां ट्रामा सेंटर में उस वक्त हंगामा मच गया जब रात में सीजर ऑपरेशन से एक स्वस्थ बेटी को जन्म देने के बाद सुबह प्रसूता की मौत हो गई। अचानक नवविवाहिता की मौत होने पर वहां हंगामा मच गया। अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजो के परिजनों ने ड्यूटी महिला चिकित्सक पर मरीजो को देखने नही आने का आरोप लगाया।उधर बढ़ते हंगामे के बीच मृतक नवविवाहिता का बिना पीएम कराए ही उनके परिजनों को घर के लिए रवाना कर दिया गया।
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सुबह हो गई मौत..
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिरसा के ग्राम गोवारी निवासी रविला नेताम को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने प्रसव के लिए बिरसा के अस्पताल में भर्ती कराया था। बिरसा के चिकित्सकों ने उसकी नॉर्मल डिलीवरी करने की कोशिश की, लेकिन बच्चा पेट में फस गया था जिसके चलते महिला की हालत खराब हो गई और वहां के चिकित्सकों ने एंबुलेंस 108 के माध्यम से उसे जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जहां आशा कार्यकर्ता के साथ उनके परिजन करीब 108 किमी का लंबा सफर कर शाम 6 बजे ट्रामा सेंटर पहुंचे और प्रसूता को प्रसव के लिए भर्ती कराया था।
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ड्यूटी स्टाफ ने अपने स्तर से प्रसूता का उपचार किया..
बताया जा रहा है कि नाजुक कंडीशन होने के बावजूद भी नवविवाहिता प्रसूता का ट्रामा सेंटर में तत्काल सीजर नहीं किया गया। बल्कि रात में सबसे आखरी में रवीला को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया। जहां बड़े सीजर से उसने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि डिलीवरी के बाद प्रसूता की सुबह अचानक तबीयत खराब हो गई । ड्यूटी स्टाफ ने अपने स्तर से प्रसूता का उपचार किया। लेकिन ड्यूटी डॉक्टर प्रसूता को देखने नहीं आई।
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जमकर हंगामा मचा..
जहां सुबह उसकी मौत हो गई जिसको लेकर वह जमकर हंगामा मचा। जिला अस्पताल में अव्यवथा का आलम यह था कि जिस शव वाहन से मृतिका को ले जाना था वह स्टार्ट नहीं हो रहा था। जिस पर स्थानीय कर्मचारियों और लोगों की मदद से धक्का देकर स्टार्ट कराया गया और उस वाहन से मृतिका और उनके परिजनों को उनके घर तक पहुंचाया गया। इस पूरे मामले पर सीएमएचओ डॉ मनोज पांडेय ने चिकित्सा तकनीक का हवाला देते हुए अपने स्टॉफ का पक्ष रखा और मामले की समीक्षा करने की बात कही, साथ ही शव वाहन को धक्का देकर स्टार्ट करने के सवाल पर बोले कि मोटर गाड़ी है कभी बिगड़ भी जाती है ।