Ram Mandir: राम मंदिर उद्घाटन के बाद अयोध्या में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है. हर रोज भगवान राम के दर्शन के लिए लगभग लोग आ रहे है. जैसे ही अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई, उसके बाद से ही अयोध्या का नाम दुनिया में छा गया. ऐसे में फूड कंपनियां भी लगातार अपने आउटलेट खोलने की तैयारी कर रहे है. कुछ समय पहले खुले डोमिनोज की बड़ी सफलता के बाद अधिकारियों ने अमेरिका स्थित केंटुकी फ्राइड चिकन (केएफसी) का एक आउटलेट खोलने की संभावना का संकेत दिया है. लेकिन अगर वे सिर्फ शाकाहारी आइटम बेचते है, तभी उन्हें इसकी अनुमति मिलेगी.
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यूपी सरकार की ये है शर्त..
आपको बता दे कि मनीकंट्रोल ने अयोध्या के एक सरकारी अधिकारी विशाल सिंह के हवाले से कहा, ‘केएफसी ने अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर अपनी यूनिट तैयार की है. क्योंकि हम अयोध्या में मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री की अनुमति नहीं देते हैं. अगर वह केवल शाकाहारी चीजें बेचने का फैसला करते हैं तो हम अयोध्या में केएफसी को जगह देने के लिए तैयार हैं.’ बता दें कि अयोध्या में पंच कोसी मार्ग के भीतर मांस और शराब परोसने पर सख्त प्रतिबंध लागू है. इस मार्ग में पंच कोसी परिक्रमा शामिल है, जो अयोध्या के चारों ओर 15 किलोमीटर का तीर्थ सर्किट है, जो रामायण से जुड़े पवित्र स्थलों की यात्रा करता है.
‘पंच कोसी के अंदर मांसाहारी खाद्य पदार्थ नहीं परोसेंगे’

इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे पास अयोध्या में अपनी दुकानें स्थापित करने के लिए बड़े खाद्य श्रृंखला आउटलेट्स से प्रस्ताव हैं. हम उनका खुले दिल से स्वागत करते हैं, लेकिन एक ही प्रतिबंध है कि वे पंच कोसी के अंदर मांसाहारी खाद्य पदार्थ नहीं परोसेंगे.’ अयोध्या में मांस खाने पर प्रतिबंध कोई अकेला मामला नहीं है. हरिद्वार भी अपनी शहरी सीमा के भीतर इसी तरह का प्रतिबंध लगाता है. परिणामस्वरूप, केएफसी जैसे प्रतिष्ठान शहर के बाहर, विशेष रूप से हरिद्वार-रुड़की राजमार्ग पर स्थित हैं.
करोड़ों से अधिक परुियोजनाएं शुरु करने की तैयारी!
बता दे कि अयोध्या का नाम देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी छा गया है. राज्य सरकार के अनुमानों के आधार पर, 17 अप्रैल को रामनवमी तक अयोध्या में साप्ताहिक रूप से 10-12 लाख आगंतुकों के आने का अनुमान है, इसके बाद भी भारी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है. राज्य पर्यटन विभाग ₹2020 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं शुरू करने के लिए तैयार है, जबकि आवास विभाग ₹3234 करोड़ की परियोजनाएं शुरू करेगा।
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