Priyanka Gandhi Attack On BJP: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक बार फिर स्थगित किए जाने पर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यूपी पीसीएस की परीक्षा दूसरी बार स्थगित कर दी गई है। यूपी टेक्निकल एजुकेशन सर्विसेज-2021 की परीक्षाएं भी स्थगित की जा चुकी हैं। बार-बार परीक्षा स्थगित करना, पेपर लीक और भ्रष्टाचार के जरिए युवाओं का भविष्य बर्बाद करना भाजपा सरकार की नीति बन चुकी है।”
आरक्षण पर भी उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने सिर्फ परीक्षा स्थगित करने पर ही नहीं, बल्कि आरक्षण के मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरा। उन्होंने कहा, “प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस की परीक्षा दो दिन में कराने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क सही है कि एक ही परीक्षा अगर दो दिन में होती है तो नॉर्मलाइजेशन और स्केलिंग जैसी प्रक्रियाओं के तहत फिर से धांधली हो सकती है। भाजपा सरकार न सिर्फ युवाओं का भविष्य चौपट कर रही है, बल्कि नौकरियों की कमी के साथ पिछड़ों, दलितों और वंचितों के आरक्षण अधिकार भी छीन रही है।”
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फिर स्थगित हुई पीसीएस परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) प्रारंभिक परीक्षा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। इस साल यह दूसरी बार है जब परीक्षा स्थगित हुई है। पहले परीक्षा 17 मार्च 2024 को होनी थी, लेकिन पेपर लीक की अटकलों के कारण इसे 27 अक्टूबर के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था। अब यह तारीख भी रद्द कर दी गई है। नई तारीख के अनुसार, यह परीक्षा संभवतः 7 और 8 दिसंबर को आयोजित हो सकती है। परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर 18 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक प्रस्तावित है। आयोग इस बैठक में पीसीएस परीक्षा के लिए केंद्र बनाने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा करेगा। इस बैठक में परीक्षा आयोजन को लेकर कोई ठोस रास्ता निकलने की उम्मीद है।
युवाओं का भविष्य दांव पर?
बार-बार परीक्षाओं का स्थगित होना और पेपर लीक की अटकलों ने प्रदेश के प्रतियोगी छात्रों को चिंता में डाल दिया है। जहां एक तरफ सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कदम उठाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहा है। प्रियंका गांधी का इस मुद्दे पर जोरदार हमला बताता है कि यह मामला सिर्फ शैक्षणिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन चुका है। वहीं, छात्रों की बढ़ती नाराजगी सरकार के लिए चिंता का विषय बन सकती है। अब देखना यह होगा कि 18 अक्टूबर की बैठक में परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर क्या ठोस निर्णय लिए जाते हैं, और परीक्षा किस प्रकार से समय पर आयोजित की जा सकेगी।
क्या कहती है सरकार?
सरकार की ओर से परीक्षा स्थगन के पीछे की वजह प्रशासनिक कारण और तकनीकी दिक्कतें बताई जा रही हैं। यूपीपीएससी द्वारा परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में आ रही समस्याओं के चलते यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, सरकार का कहना है कि जल्द ही परीक्षा की तारीखें और केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा ताकि परीक्षा को सही समय पर संपन्न कराया जा सके।
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