Priyanka Gandhi On UP Social Media Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में अपनी नई सोशल मीडिया नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कंटेंट को अभद्र, अश्लील या राष्ट्रविरोधी नहीं होना चाहिए। सरकार का कहना है कि यह नीति सरकारी योजनाओं के प्रचार और आम जनता तक लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। सोशल मीडिया पर कंटेंट शेयर करने वालों को उनके फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
मगर इस नई सोशल मीडिया नीति (Social Media Policy) का यह विवाद और इस पर बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी डिजिटल माध्यमों के नियंत्रण और स्वतंत्रता के मुद्दे पर विवाद लगातार गर्म होता जा रहा है। विपक्ष लगातार इस पर कटाक्ष कर रहा है। पहले ओवैसी ने कहा था कि, “बाबा की झूठी तारीफ करने पर 8 लाख, विरोध पर मिलेगी जेल” और अब इसके बाद प्रियंका गांधी ने भी यूपी सरकार पर निशाना साधा है।
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प्रियंका गांधी ने की कड़ी आलोचना
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार की इस नई नीति पर तीखा हमला किया है। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा, “जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे।” प्रियंका का आरोप है कि यह नीति सच को दबाने का एक तरीका है। उन्होंने आगे लिखा कि, “तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात’ नीति सच को दबाने का एक और तरीका है। क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती?”
उन्होंने सवाल उठाया कि इस नीति के तहत न्याय की मांग कर रही महिलाओं की आवाज़ों, शिक्षक भर्ती में उठ रहे सवालों और भाजपा नेताओं द्वारा भाजपा सरकार की आलोचना को किस श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अलावा उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले के बारे में भी सवाल उठाए।
कड़ी सजा का है प्रावधान
नई नीति के अनुसार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को उनके फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर विभिन्न राशि का भुगतान किया जाएगा। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रचार करने वालों को क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये प्रति माह मिलेंगे, जबकि यूट्यूब पर वीडियो, शॉट्स और पॉडकास्ट के जरिए प्रचार करने वालों को 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख रुपये प्रति माह मिलेंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील या राष्ट्रविरोधी नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो संबंधित सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभद्र और अश्लील पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का भी प्रावधान है, और राष्ट्रविरोधी सामग्री के लिए तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
ओवैसी ने भी साधा था निशाना
इस नई नीति को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तीखा हमला किया है। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया है कि वे अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए एक नई योजना लेकर आए हैं। ओवैसी ने लिखा, “योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर झूठी तारीफ करने वाले लोगों को 8 लाख रुपये तक देने का ऐलान किया है। अगर आपने उनकी या उनकी पार्टी की आलोचना की, तो आपको राष्ट्रविरोधी घोषित कर जेल भेजा जाएगा।”
सरकारी की नयी योजना कितनी सही ?
यूपी सरकार का कहना है कि यह नीति सरकारी योजनाओं के प्रचार और उनके लाभ को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट को शेयर करने पर विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इस नीति के लागू होने से यूपी के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और देश-विदेश में यूपी की योजनाओं का प्रचार प्रभावी ढंग से हो सकेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यूपी सरकार की यह नीति कितनी तेज गति से आगे बढ़ती है। यह फिर यह नीति भी वक़्फ़ बोर्ड और लेटरल एंट्री की तरह कुछ दिन विवादों में रहने के बाद ठंडे बस्ते में चली जाएगी।