UP Politics: उपचुनाव के माहौल में बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में बसपा ने तीन प्रमुख पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। ये कार्रवाई एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद की गई है, जिसमें पार्टी की आंतरिक रणनीतियों को लेकर बातचीत का खुलासा हुआ है। जिन नेताओं पर कार्रवाई की गई है, उनमें पूर्व मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम, जिला प्रभारी दिनेश काजीपुर, और महावीर सिंह शामिल हैं।
वायरल ऑडियो बना बड़ी वजह
इस ऑडियो में कथित रूप से बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम और पूर्व मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम के बीच बातचीत दर्ज है। इस बातचीत में मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने से मना करने का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि शादी के बहाने से दूर रहना चाहिए, क्योंकि चुनावी माहौल में यह पार्टी के हित में नहीं है। दरअसल, मीरापुर उपचुनाव में मुनकाद अली की बेटी सपा की उम्मीदवार के रूप में खड़ी हैं। इस शादी में सपा नेता कादिर राणा सहित अन्य सपा समर्थकों की मौजूदगी का अंदेशा था, जिसके चलते पार्टी ने अपने नेताओं को जाने से मना किया था।
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प्रशांत गौतम का बयान
ऑडियो की सत्यता की पुष्टि करते हुए प्रशांत गौतम ने कहा कि उनका मुनकाद अली से 25 साल का रिश्ता है, और बेटे की शादी में बुलावा मिलने पर वह व्यक्तिगत कारणों से गए थे। वहीं, बसपा जिला अध्यक्ष मोहित जाटव ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए इन नेताओं की पार्टी से निष्कासन की पुष्टि की है। मोहित जाटव का कहना है कि गाजियाबाद उपचुनाव में इन तीनों नेताओं की ड्यूटी लगाई गई थी, पर वे वहां मौजूद नहीं रहे। इस अनुशासनहीनता की रिपोर्ट संगठन से मिलने के बाद पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए इन नेताओं पर कार्रवाई की है।
बसपा की सख्ती से राजनीति में बढ़ी सरगर्मी
बसपा के इस कठोर कदम ने यूपी के उपचुनाव में सरगर्मी और बढ़ा दी है। सपा और बसपा के बीच राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और अब यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। समर्थक इस मामले पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। सपा की ओर से कहा जा रहा है कि बसपा नेता व्यक्तिगत कारणों से शादी में गए थे, और इस कार्रवाई को अनावश्यक बताया जा रहा है। वहीं, बसपा समर्थक इस कड़े कदम को अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने की दिशा में सही मान रहे हैं।
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क्या मायावती की ये कार्रवाई चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
उपचुनाव के माहौल में पार्टी विरोधी गतिविधियों पर की गई यह कार्रवाई बसपा के लिए एक संदेश है कि पार्टी अनुशासन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी। यह फिर यह एक चुनावी दांव भी हो सकता है। अब देखना यह होगा कि यह कठोर कदम आगामी चुनावों में बसपा की साख को कितना मजबूत करता है और यूपी की राजनीति में कैसे प्रभाव डालता है।