लखनऊ संवाददाता: मोहम्मद कलीम
लखनऊ: भाकपा (माले) ने आरओ/एआरओ और यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे युवाओं के आंदोलन के अगुवा आइसा नेता मनीष की प्रयागराज में गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने छात्र नेता को तत्काल बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।
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युवाओं को रोजगार देने का केवल दिखावा कर रही
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने का केवल दिखावा कर रही है। अगर ऐसा न होता, तो कन्नौज में बीएससी डिग्रीधारी 28 वर्षीय बेरोजगार नौजवान ब्रजेश पाल अपनी डिग्रियों को जलाने के बाद आत्महत्या नहीं करते। रोजगार की तलाश में उन्होंने पुलिस भर्ती की परीक्षा भी दी थी, मगर पेपर लीक होने से चिंतित और निराश थे। उनकी मौत की जिम्मेदार योगी सरकार है। रोजगार देने और पेपर लीक होने से रोकने में सरकार की विफलता ने एक नौजवान की जान ले ली।
परीक्षाओं का पेपर लीक होना आए दिन की घटना हो गई
माले नेता ने कहा कि रोजगार के लिए सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाओं का पेपर लीक होना आये दिन की घटना हो गई है। रोजगार देना योगी सरकार के वश की बात नहीं रह गई है। केवल सब्जबाग दिखाया जा रहा है। लाखों रिक्तियां पड़ी हैं और जब कुछ हजार भर्तियों की परीक्षा होती है, तो पेपर लीक के कारण उसे भी निरस्त करने पड़ता है। या फिर भर्तियां अदालती लड़ाई में उलझा दी जाती हैं। पुलिस भर्ती परीक्षा अंतत: रदद् करनी ही पड़ी है। योगी सरकार में युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण से वंचित अभ्यर्थियों का मसला अभी भी हल नहीं हुआ है।
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