UP News: हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए, जिनमें यह दिखाया गया कि खाने में थूक मिलाकर उसे लोगों को परोसा जा रहा है। ऐसी घटनाओं ने लोगों के बीच नाराजगी बढ़ा दी है, और अब उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (CM Yogi Adityanath) इस पर कड़ा रुख अपनाने जा रही है। सरकार खाने में थूक मिलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी में है, और इस दिशा में एक नया कानून लाने पर विचार किया जा रहा है।
नया कानून जल्द लागू
सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार दो नए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है: छद्म एवं सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिषेध अध्यादेश 2024 और यूपी प्रिवेंशन ऑफ कॉन्टेमिनेशन इन फूड (Consumer Right to Know) अध्यादेश 2024। इन अध्यादेशों के जरिए खाने में थूक मिलाने जैसे गैरकानूनी कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस संबंध में मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक करेंगे। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, गृह विभाग के आशीष सिंह और डीजीपी संजीव गुप्ता समेत अन्य उच्च अधिकारी शामिल होंगे।
थूककर खाना परोसने वालों को मिलेगी सख्त सजा
नए अध्यादेशों के तहत खाने में थूक मिलाने या थूककर खाना परोसने वाले लोगों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया जाएगा। इस अपराध को रोकने के लिए कानून के तहत ऐसे व्यक्तियों को जेल की सजा या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को खाने की गुणवत्ता और उसकी उत्पत्ति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार भी दिया जाएगा।
इस नए कानून के लागू होने के बाद हर उपभोक्ता को यह जानने का अधिकार होगा कि उसका खाना कहां से आया है, किसने बनाया है, और उसकी गुणवत्ता कैसी है। उपभोक्ता खाना खरीदने या खाने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
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खाने-पीने की जानकारी पर जोर
योगी सरकार के इस कदम का उद्देश्य न सिर्फ खाने की गुणवत्ता को बनाए रखना है, बल्कि उपभोक्ताओं को खाने की जानकारी की आजादी देना भी है। नए अध्यादेशों के जरिए उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया जाएगा कि वे खाने के स्रोत और उसकी गुणवत्ता से संबंधित जानकारी मांग सकें। इससे उपभोक्ता यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि उनके खाने में कोई मिलावट या थूक जैसी घिनौनी हरकत न हो।
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मुख्यमंत्री की बैठक से जुड़े अहम मुद्दे
मंगलवार को होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उच्च अधिकारियों के बीच इन दोनों अध्यादेशों पर चर्चा होगी। इसमें यह तय किया जाएगा कि इन कानूनों को कैसे लागू किया जाए, और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कितनी सख्त सजा दी जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में यह कानून लाया जा रहा है ताकि खाने-पीने से जुड़ी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिल सके।
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ग्राहकों को मिलेगा “राइट टू नो”
नए अध्यादेशों के तहत, “राइट टू नो” यानी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार ग्राहकों को दिया जाएगा। इसके तहत ग्राहक यह जान सकेंगे कि उनके खाने में क्या सामग्री है, और वह खाना कहां और कैसे तैयार हुआ। इसके अलावा, अगर किसी खाने में कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो ग्राहक इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार का यह कदम साफ तौर पर संदेश देता है कि खाने-पीने के मामले में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कानून यूपी में खाने से जुड़ी धोखाधड़ी और अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।