Akhilesh Yadav in Rampur: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के चलते राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज रामपुर जाकर कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) के परिवार से मुलाकात करी। इस मुलाकात के इर्द-गिर्द कई सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। अखिलेश पहले रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी गये और फिर जेल रोड स्थित आजम खान के घर जाकर उनकी पत्नी और बेटे से मिलें। माना जा रहा है कि यह मुलाकात अखिलेश के मुस्लिम वोटबैंक को साधने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
चुनावी रैली के बाद आजम खान के घर पहुंचे अखिलेश
अखिलेश यादव आज मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट (Kundarki Assembly Seat) पर एक चुनावी रैली करेंगे। इसके बाद वह सीधे रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी का दौरा किया और फिर आजम खान के परिवार से मिलें। आजम खान के परिवार से अखिलेश की इस मुलाकात को मुस्लिम समुदाय में एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उपचुनाव में। रामपुर और आसपास के इलाकों में आजम खान का राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत है, जिसमें मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ जैसी विधानसभा सीटें भी शामिल हैं। इन सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है।
मुस्लिम वोटबैंक पर अखिलेश का फोकस
अखिलेश यादव का यह कदम साफ संकेत दे रहा है कि समाजवादी पार्टी उपचुनाव में मुस्लिम वोटर्स का समर्थन हासिल करना चाहती है। आजम खान के साथ इस मुलाकात को इसी नजरिए से देखा जा रहा है, ताकि मुस्लिम समुदाय में पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ाया जा सके। अखिलेश की यह मुलाकात लगभग लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हो रही है। इससे पहले रामपुर सीट के टिकट को लेकर उन्होंने सीतापुर जेल में जाकर आजम खान से बातचीत की थी, लेकिन इसके बाद से समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता आजम खान या उनके परिवार से मिलने नहीं गया था।
आजम खान पर बढ़ता दबाव
आजम खान के राजनीतिक और कानूनी मामलों को लेकर विपक्षी दल भी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद, जो आजाद समाज पार्टी के प्रमुख हैं, पहले ही आजम खान के बेटे अब्दुल्ला से जेल में मिल चुके हैं और उन्होंने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया है। इसके अलावा, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कई मौकों पर समाजवादी पार्टी पर आजम खान की अनदेखी का आरोप लगा चुके हैं।
उपचुनाव में मुस्लिम वोटर्स को साधने की चल रही कवायद
उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती मुस्लिम वोटबैंक को अपने पक्ष में बनाए रखने की है। यह मुलाकात पार्टी को मुस्लिम मतदाताओं में भरोसा कायम करने का अवसर दे सकती है। सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश यादव द्वारा आजम खान के परिवार से मिलने का यह निर्णय समाजवादी पार्टी के लिए चुनावी समीकरणों में बदलाव ला सकता है।
क्या मिलेगा सपा को इसका फायदा?
आजम खान का रामपुर और उसके आसपास के इलाकों में राजनीतिक कद काफी बड़ा है, जिससे अखिलेश की इस मुलाकात से पार्टी को मुस्लिम वोटों का फायदा मिल सकता है। अब देखना होगा कि अखिलेश की इस रणनीति का समाजवादी पार्टी को कितना लाभ मिलता है। उपचुनावों के नतीजे ही बताएंगे कि अखिलेश की यह मुलाकात उनके पक्ष में जाती है या नहीं।