Uttar Pradesh में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है।मंगलवार को चुनाव आयोग ने ऐलान करते हुए मतदान के लिए 13 नवंबर की तारीख फाइनल की है।वहीं फाइनल नतीजे 23 नवंबर की तारीख को आ जाएंगे। तारीख का ऐलान होने के साथ ही सत्तारूढ़ BJP के साथ ही समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी ने कमर कस ली है। आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के साथ ही इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया है। 10 में से एक सीट मिल्कीपुर पर चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है। वहीं उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को वोटिंग और परिणाम 23 नवंबर को आएगा।
इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव
यूपी में 10 विधानसभा सीटों करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), कटेहरी (अंबेडकरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), खैर (अलीगढ़), गाजियाबाद, फूलपुर (प्रयागराज), मझवा (मिर्जापुर) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) पर उपचुनाव होने हैं। सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है जबकि 9 विधायक लोकसभा सदस्य बन चुके हैं।
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9 विधायकों ने दिया था जून में इस्तीफा
यूपी से सांसद बने 9 विधायकों ने 10 से 14 जून के बीच इस्तीफा दिया था।इस हिसाब से 14 दिसंबर के पहले ये सीटें भरी जानी चाहिए लेकिन इरफान सोलंकी की सीसामऊ सीट 7 जून को ही रिक्त घोषित की गई थी।इसलिए यह 7 दिसंबर के पहले भरी जानी है। इसलिए नवंबर में चुनाव करवाने ही होंगे।
2027 में प्रस्तावित यूपी के विधानसभा चुनाव के लगभग सवा दो साल पहले होने वाले उपचुनाव को सियासी दल सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे हैं।उपचुनाव वाली सीटें वेस्ट, सेंट्रल, अवध, पूर्वांचल सहित प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए नतीजे संभावनाओं के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखे जा रहे हैं।
गाजियाबाद सदर सीट
गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के मजबूत किले के रूप में जानी जाती है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान यहां से अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की थी।लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने गाजियाबाद के सांसद रहे पूर्व सेना प्रमुख रिटायर्ड जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को चुनावी मैदान में उतारा था अतुल गर्ग जीत दर्ज करने में कामयाब रहे इसके बाद यह सीट खाली हुई है।
मीरापुर विधानसभा सीट
मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर यूपी चुनाव 2022 के दौरान राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार चंदन चौहान ने जीत दर्ज की थी। उस समय राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल ने एनडीए का दामन थामा। जयंत चौधरी ने चंदन चौहान को बिजनौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद मीरापुर विधानसभा सीट खाली हो गई।
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फूलपुर विधानसभा सीट
यूपी चुनाव 2022 के दौरान प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवीण पटेल ने जीत दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी ने प्रवीण पटेल को फूलपुर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मीदवार बनाया। वह जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। इसके बाद यह सीट खाली हुई है। समाजवादी पार्टी ने यहां से मुस्तफा सिद्दीकी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
मझवां विधानसभा सीट
मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट को लेकर यूपी की राजनीति में खासी चर्चा है। यह सीट यूपी चुनाव 2022 के दौरान एनडीए में गठबंधन के तहत निषाद पार्टी के पाले में गई थी। निषाद पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार मनोज कुमार बिंद ने यहां से जीत दर्ज की थी। मनोज कुमार बिंद को भारतीय जनता पार्टी ने भदोही से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया। लोकसभा चुनाव 2024 में वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। अखिलेश यादव ने पीडीए के तहत मझवां से ज्योति बिंद को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
करहल विधानसभा सीट
मैनपुरी जिले के तहत करहल विधानसभा सीट आती है। यहां से अखिलेश यादव यूपी चुनाव 2022 में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने थे। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के दौरान अखिलेश यादव विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 में कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरकर अखिलेश ने जीत दर्ज की। इसके बाद यह सीट खाली हुई है। समाजवादी पार्टी ने यहां से अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।
कुंदरकी विधानसभा सीट
संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में पहले शफीकुर रहमान बर्क को उम्मीदवार घोषित किया था। लोकसभा चुनाव से पहले शफीकुर रहमान बर्क का निधन हो गया। इसके बाद अखिलेश यादव ने यहां से उनके पोते और मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जियाउर रहमान बर्क को चुनावी मैदान में उतारा। जियाउर रहमान संभल सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद कुंदरकी विधानसभा सीट खाली हुई है। कुंदरकी विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जा रहा है।
खैर विधानसभा सीट
अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ के रूप में माना जाता है। यहां से यूपी चुनाव 2022 में अनूप बाल्मीकि ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में हाथरस सीट से उम्मीदवार बनाया।अनूप बाल्मीकि जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद खैर विधानसभा सीट खाली हुई है। समाजवादी पार्टी की कोशिश इस सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा के किले में सेंधमारी की है।
कटेहरी विधानसभा सीट
कटेहरी विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा विधायक थे।समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में लालजी वर्मा को अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद कटेहरी विधानसभा सीट खाली हुई है। अंबेडकरनगर जिले की इस सीट पर निषाद पार्टी में भी अपना दावा किया था। हालांकि, भाजपा की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने की चर्चा है। समाजवादी पार्टी ने यहां से शोभावती वर्मा को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
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सीसामऊ विधानसभा सीट
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट से यूपी चुनाव 2022 के दौरान समाजवादी पार्टी उम्मीदवार इरफान सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। इरफान सोलंकी इसके बाद से लगातार कानूनी पचड़ों में फंसे रहे। एक महिला के घर जलाने के मामले में इरफान सोलंकी को कोर्ट ने 7 साल की जेल की सजा सुनाई। इसके बाद जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट खाली हो गई। सपा ने यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
भाजपा की हार ने सपा को हमले का दिया मौका
मिल्कीपुर पर कोई ऐलान नहीं मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग की तरफ से उपचुनाव की कोई सूचना नहीं दी गई है। अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनावी जीत दर्ज कर समाजवादी पार्टी ने बड़ा उलटफेर कर दिया। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या सीट पर भाजपा की हार ने सपा को हमले का मौका दिया। सपा ने यहां से दलित नेता अवधेश प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा था। फैजाबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट से यूपी चुनाव 2022 में विधायक चुने गए थे। अब समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।