UP by-elections 2024: उत्तर प्रदेश में आगामी 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (By Elections) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. इन उपचुनावों के मद्देनजर 13 अक्टूबर को दिल्ली में बीजेपी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में पार्टी के कई शीर्ष नेता, जिनमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे.
13 अक्टूबर की बैठक में कौन होंगे शामिल?
बताते चले कि दिल्ली में आयोजित होने वाली इस बैठक में न केवल जेपी नड्डा और अमित शाह मौजूद होंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल रहेंगे. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल भी बैठक का हिस्सा होंगे. इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के आगामी उपचुनावों की रणनीति तैयार करना और उम्मीदवारों का चयन करना है. बैठक में इन सीटों पर संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की जाएगी और चुनावी प्रबंधन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे.
चुनाव आयोग जल्द करेगा तारीखों का ऐलान
जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग (Election Commission) इस महीने के अंत तक यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. माना जा रहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में चुनाव आयोग इन सीटों के लिए चुनावी कार्यक्रम जारी कर देगा. साथ ही, महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इन राज्यों के चुनावी कार्यक्रम के साथ ही यूपी के उपचुनाव की तारीखें भी घोषित की जा सकती है.
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किन सीटों पर होगा उपचुनाव?
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें जिन पर उपचुनाव होना है, उनमें गाजियाबाद, कुंदरकी, खैर, मीरापुर, करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, मझवां, सीसामऊ और फूलपुर शामिल हैं. इनमें से कानपुर की सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक इरफान सोलंकी के सजा पाए जाने के बाद खाली हुई है. इसके अलावा, अन्य 9 सीटें उन विधायकों के सांसद बनने के कारण खाली हुई हैं जिन्होंने 10 से 14 जून के बीच इस्तीफा दिया था. नियमों के अनुसार, सीट खाली होने के 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. इसलिए, इन सीटों पर दिसंबर से पहले चुनाव हो सकते हैं।
15 मंत्रियों की टास्क फोर्स तैयार
उपचुनावों की तैयारी के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पहले ही 15 मंत्रियों की एक टास्क फोर्स बनाई थी. इस टीम का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रबंधन और उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करना है. इस टास्क फोर्स को चुनाव से जुड़े हर पहलू पर नजर रखने और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा, यूपी बीजेपी ने भी संगठन के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों की एक अलग टीम बनाई है जो चुनावी प्रबंधन और रणनीति को अमल में लाने का काम कर रही है.
उपचुनाव क्यों हो रहे हैं?
उत्तर प्रदेश में होने वाले इन उपचुनावों की मुख्य वजह विधायकों का सांसद बनना है. जिन 9 सीटों के विधायक अब सांसद बन गए हैं, उन्होंने जून में अपने विधायक पद से इस्तीफा दिया था. इन विधायकों के इस्तीफे के कारण सीटें खाली हुईं और अब उपचुनाव जरूरी हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. इन उपचुनावों में जीत दर्ज करना न केवल भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में मनोबल बढ़ाने का काम करेगा, बल्कि पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और भी मजबूत करेगा. दिल्ली में 13 अक्टूबर को होने वाली बैठक में बीजेपी की चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो इन उपचुनावों में पार्टी की स्थिति को निर्धारित करेगी.