BJP RSS: उत्तर प्रदेश में भाजपा के भीतर चल रहे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने स्थिति को संभालने के लिए कमान अपने हाथों में ले ली है। बुधवार को लखनऊ में संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में सरकार, संगठन, और संघ के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी उपचुनावों के लिए रणनीति तैयार करना और भाजपा के भीतर मची कलह को शांत करना था। यह बैठक रात करीब तीन घंटे तक चली और भोजन के बाद समाप्त हुई। बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार की उपस्थिति में सरकार, संघ और भाजपा संगठन के बीच समन्वय को लेकर एक बड़ी बैठक हुई।
मुख्यमंत्री आवास में हुई गुप्त बैठक
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस बैठक में आरएसएस, भाजपा संगठन, और सरकार के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया। सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की अगुवाई में हुई इस बैठक में आगामी उपचुनावों का एजेंडा तय किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उपचुनावों में भाजपा को एकजुट होकर मुकाबला करना होगा, और संघ भी इस बार भाजपा के साथ मोर्चा संभालेगा। बैठक में जातिवाद, आरक्षण, और विपक्ष द्वारा संविधान खत्म करने के दुष्प्रचार को उपचुनावों के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना गया। इस पर जोर दिया गया कि जातिवाद की राजनीति का मुकाबला करने के लिए हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाया जाए। इसके साथ ही पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय किया जाए और उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए।
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पुराने कार्यकर्ताओं पर रहेगा भरोसा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भाजपा के भीतर पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से निगम, बोर्ड और अन्य निकायों में समायोजित किया जाएगा। संघ ने साफ कहा कि बाहरी दलों से आए लोगों के बजाय पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं पर भरोसा किया जाए। संघ ने निर्देश दिया कि संगठन के भीतर आंतरिक कलह को रोका जाए और ‘कौन बड़ा, कौन छोटा’ जैसी बहसों से बचा जाए। साथ ही, मतभेद होने पर मीडिया में बयानबाजी करने से परहेज किया जाए और संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजा जाए।
गुटबाजी से बचने और एकजुटता की अपील
संघ ने बैठक में पार्टी में गुटबाजी को समाप्त करने का निर्देश दिया और सभी नेताओं को परस्पर प्रेम और सम्मान दिखाने की सलाह दी। इसके साथ ही, संघ ने पार्टी के अंदरूनी झगड़ों को मीडिया के सामने न लाने की हिदायत दी। बैठक में यह भी तय किया गया कि उपचुनाव में बीजेपी सभी 10 सीटों पर जीत के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगी और जनता के बीच पार्टी की छवि को सुधारने का काम करेगी।
सोशल मीडिया पर PDA के भ्रम को रोकने की होगी तैयारी
बैठक में भाजपा को निर्देश दिया गया कि बूथ स्तर पर पुराने कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाए और PDA (पार्टनरशिप फॉर डेमोक्रेसी एंड अकाउंटेबिलिटी) के भ्रमजाल को रोकने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई जाए। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए PDA के दुष्प्रचार को फैलने से रोकने पर जोर दिया गया। इस बैठक के बाद साफ हो गया है कि आगामी उपचुनावों के लिए भाजपा और संघ पूरी तरह से कमर कस चुके हैं और इस बार हिंदुत्व का एजेंडा प्रमुख रहेगा। वहीं, संघ के हस्तक्षेप से पार्टी के अंदरूनी विवादों को भी सुलझाने की कोशिश की गई है, ताकि एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरा जा सके।