UP By-Election Results 2024: उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम अब लगभग स्पष्ट हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों ने कुल 7 सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाई है, जबकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सीसामऊ और करहल पर जीत दर्ज की है। इस उपचुनाव के नतीजों से यह साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की आक्रामक छवि, उनका धार्मिक एकजुटता का एजेंडा और उनके चुनावी नारे ‘कटेंगे तो बंटेंगे’ ने प्रदेश के वोटर्स को प्रभावित किया।
भाजपा का यह संदेश—‘बंटेंगे तो कटेंगे’, अब तक के चुनावों में अपना असर दिखा चुका है, खासकर ओबीसी और दलित वर्ग के वोटों में बदलाव के रूप में। भाजपा ने इस उपचुनाव में गाजियाबाद, मझवां, कुंदरकी, कटेहरी, फूलपुर और खैर जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल की। इसके साथ ही मीरापुर सीट पर भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने भी जीत का परचम लहराया। जबकि सपा ने सीसामऊ और करहल सीट पर जीत दर्ज की।
सीसामऊ और करहल पर सपा ने दर्ज की जीत
सीसामऊ में समाजवादी पार्टी की नसीम सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को 8,564 मतों के अंतर से हराया। सोलंकी को 69,714 वोट मिले, जबकि भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61,150 वोट मिले। इस जीत के साथ सपा ने एक बार फिर से इस सीट पर अपनी पकड़ साबित की है। इसके अलावा, करहल सीट पर सपा के तेज प्रताप यादव ने भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह को 14,725 मतों के अंतर से हराया। तेज प्रताप यादव ने 1,04,304 वोट प्राप्त किए, जबकि भाजपा के अनुजेश सिंह को 89,579 वोट मिले।
गाजियाबाद और खैर में खिला कमल
भा.ज.पा. ने गाजियाबाद सीट पर भी शानदार प्रदर्शन किया। गाजियाबाद में भाजपा के संजीव शर्मा ने सपा के सिंहराज सिंह जाटव को 69,351 वोटों के अंतर से हराया। संजीव शर्मा को कुल 96,946 वोट मिले, जबकि सपा के सिंहराज को 27,595 वोट मिले। इसी तरह, खैर सीट पर भी भाजपा ने सपा के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल की। भाजपा के सुरेंद्र दिलेर ने सपा की चारु केन को 38,393 वोटों से हराया। सुरेंद्र दिलेर को 1,00,181 वोट मिले, जबकि चारु केन को 61,788 वोट मिले।
फूलपुर सीट पर भी भाजपा का कब्जा
उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण इलाकों में से एक फूलपुर सीट पर भाजपा के दीपक पटेल ने सपा के मुज्तबा सिद्दीकी को 11,305 वोटों के अंतर से हराया। दीपक पटेल को 78,289 वोट मिले, जबकि सपा के मुज्तबा सिद्दीकी को 66,984 वोट मिले। यह सीट भाजपा के लिए खास थी, क्योंकि यहां बसपा के उम्मीदवार ने भी अपनी ओर से चुनौती पेश की, हालांकि बसपा के जितेन्द्र कुमार सिंह को मात्र 20,342 वोट ही मिले।
कांग्रेस का चुनावों से दरकिनार होना सपा को पड़ा भारी
इस उपचुनाव में कांग्रेस की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही। सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने के कारण कांग्रेस ने प्रदेश में सपा के साथ कोई चुनावी गठजोड़ नहीं किया, जिससे सपा को नुकसान हुआ और भाजपा को इसका फायदा मिला। राहुल गांधी द्वारा संविधान और जातीय जनगणना को लेकर अभियान चलाने के बावजूद यूपी में उनका प्रभाव गायब रहा।
‘कटेंगे तो बंटेंगे’ का नारा देशभर में हुआ प्रभावी
BJP का ‘कटेंगे तो बंटेंगे’ नारा, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले यूपी में दिया था, इस चुनाव में बेहद प्रभावी साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ के रूप में और भी मजबूती से प्रस्तुत किया। इस नारे ने न केवल यूपी में बल्कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी राजनीतिक सफलता की दिशा तय की। उत्तर प्रदेश उपचुनावों के परिणाम साफ तौर पर यह दर्शाते हैं कि भाजपा ने अपनी रणनीतियों और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को सही दिशा में लागू किया। वहीं, सपा को कुछ सीटों पर सफलता जरूर मिली, लेकिन उसे इस बार अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं।