नवम्बर महीना खतम होने के आ रहा है और सुबह-शाम हल्की-हल्की सी ठंड दस्तक दे दी है। इसी के साथ बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम भी होने लगता हैं। जिसका असर हमारे रोजाना दिनचार्या पर भी पड़ता है। ऐसे में सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत पाने के लिए हर बार दवाओं का उपयोग करना बिलकुल ठीक नहीं है, क्योकि दवाओं से आराम तो मिल जाता है मगर एंटीबायोटिक किडनी के साथ और भी कई अंगों पर बुरा असर पड़ता हैं। तो बेहतर है कि आप इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लें जिनके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं।
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सुबह-शाम वाली ठंड कर रही है सेहत खराब
सुबह-शाम ठंड और दिन के समय धूप और गर्मी वाला ये मौसम आपकी सेहत के लिए कई तरह की Challenges पैदा कर सकता है। मौसम में इस तरह के बदलाव की वजह से इंफ्लूएंजा का संक्रमण भी बढ़ जाता है, और यही कारण है कि सर्दियों की शुरुआत होते ही अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार की दिक्कतें होने लगती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ के अनुसार, एलर्जी, तापमान में परिवर्तन और वायरस-बैक्टीरिया के संपर्क में आने की वजह से बीमार होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। जिन भी लोगों की रोग प्रतिरोधक (disease resistant) क्षमता काम होती है उन्हें ये बीमारी जल्दी होती है। ये बीमारी उनको लंबे समय तक परेशान करने वाली भी हो सकती है। हालांकि हर बार सर्दी-जुकाम होने पर आपको दवा लेने की जरूरत नहीं है, कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों की मदद से भी आप इससे आराम पा सकते हैं।
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शहद और काली मिर्च का करें सेवन

आयुर्वेद चिकित्सक के मुताबिक, शहद और काली मिर्च इन समस्याओं के घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस में भी लाभ मिलता है और रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। शहद और काली मिर्च का सेवन करने से जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों के खिंचाव और गठिया जैसी समस्याओं में भी आराम पाया जा सकता है। हालांकि अगर आपको किसी भी प्रकार एलर्जी है तो इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
सर्दी-जुकाम या मौसमी फ्लू
अगर अचानक तापमान में बदलाव आता है। तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Defence system) कमजोर हो सकती है, जिससे आप संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। मौसमी एलर्जी की वजह से नाक बहने और गले में जलन के साथ खांसी की भी समस्याएँ होना काफी सामान्य है। इसके अलावा मौसम में बदलाव के साथ वायरस, बैक्टीरिया भी अधिक सक्रिय हो जाते हैं जिनके संपर्क में आने के कारण गले में खराश, सूखी खांसी, बुखार जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।अगर आप भी सर्दी-जुकाम या मौसमी फ्लू के लक्षणों से परेशान हैं तो कुछ उपायों से इसमें आराम पा सकते हैं।
फायदेमंद साबित होगा शहद

आपको बता दे, शहद में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है, क्योकि शहद में प्राकृतिक एंटीबायोटिक और काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सर्दी-जुकाम में लाभ पहुंचाते हैं। बदलते मौसम के दौरान शहद में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाने से कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ मिल सकता है। इसके सेवन से गले की खराश और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।
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काली मिर्च का भी करें उपयोग
अगर आपके गले में सूजन है तो, शहद गले की सूजन को कम करता है ,और काली मिर्च फेफड़ों में जमे बलगम को निकालता है। शहद काली मिर्च का मिश्रण आपके श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता (functionality) को अच्छा बनाने में मदद करता है। काली मिर्च में पिपरिन नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ता है।शहद और काली मिर्च को एक साथ खाने से रोग प्रतिरोधक की क्षमता मजबूत होती है। साथ ही काली मिर्च में vitamin C और फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो हमारे शरीर के संक्रमण से लड़ने में हमे मदद करता हैं। इस मिश्रण के सेवन से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, जो शरीर में चर्बी को गलाकर वजन कम करने में भी मदद करता है।