UP By-Election Live: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान गड़बड़ी की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने कानपुर, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर जिलों में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप था कि ये पुलिसकर्मी मतदाताओं की पहचान जांच रहे थे और कुछ को मतदान से रोकने का प्रयास कर रहे थे। इस कार्रवाई से चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी की शिकायत पर लिया एक्शन
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि कुछ पुलिस अधिकारी विशेष समुदाय के मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी मतदाता की पर्ची फाड़ते हुए दिख रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कानपुर के चमनगंज क्षेत्र में पुलिस मतदाताओं को डराने और उनके मतदान अधिकारों का हनन करने का प्रयास कर रही है। सपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई की और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मतदाताओं की पहचान या दस्तावेज जांचने का काम न करें, क्योंकि यह अधिकार केवल पीठासीन अधिकारियों और उनकी टीम को है।
अखिलेश यादव – ‘मतदाताओं को डरने की जरूरत नहीं’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “मतदान प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वोट डालने का अधिकार सभी का है, और इसे दबाने का प्रयास लोकतंत्र पर हमला है।” उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओं को पुलिस और प्रशासन द्वारा वोट डालने से रोका गया, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें फिर से मतदान करने की अपील की है। उन्होंने चुनाव आयोग से मिले आश्वासन का हवाला देते हुए कहा कि अब कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग फिर से रोकने का प्रयास करेंगे, वे तुरंत चुनाव आयोग के अधिकारियों या राजनीतिक दलों को सूचित करें, या सीधे चुनाव आयोग से शिकायत करें।
उन्होंने प्रशासन और पुलिस के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी, और कहा कि उनके खिलाफ वीडियो साक्ष्य को आधार बनाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अखिलेश यादव ने मतदाताओं से अपील की कि वे बेख़ौफ़ होकर अपने वोट का इस्तेमाल करें और मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपना वोट जरूर डालें।
मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर में तीन अधिकारी निलंबित
मुरादाबाद में तीन और मुजफ्फरनगर में दो पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए मतदाताओं के आधार कार्ड और वोटर आईडी की जांच की जा रही थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दो उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया।
कानपुर में पुलिसकर्मियों का वीडियो वायरल
कानपुर में दो पुलिस अधिकारियों, अरुण सिंह और राकेश नादर, पर मतदाताओं को मतदान केंद्र से लौटाने का आरोप लगा। इनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे मतदाता पर्ची फाड़ते नजर आए। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ा कदम उठाते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया।
चुनाव आयोग ने जारी किए सख्त निर्देश
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि मतदान के दौरान पुलिसकर्मी मतदाताओं की पहचान जांचने का प्रयास न करें। आयोग ने साफ कहा कि पुलिस का काम केवल मतदान केंद्रों पर कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखना है।
चुनाव आयोग ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया था कि महिला और पर्दानशीन मतदाताओं की पहचान से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और बूथों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने दी जाए।
आयोग की कार्रवाई से मिला स्पष्ट संदेश
चुनाव आयोग की इस कार्रवाई ने यह संकेत दिया है कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने में वह कोई समझौता नहीं करेगा। सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से भी अपील की गई है कि वे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में सहयोग करें। उत्तर प्रदेश उपचुनाव में यह घटनाक्रम न केवल प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि चुनाव आयोग की तत्परता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।