Ramjanam Yogi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के बाद 18 जून को वाराणसी दौरे पर थे. यहां पहुंच कर उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और गंगा आरती में भी शामिल हुए. गंगा आरती के दौरान, रामजन्म योगी ने शंखनाद किया था..जिनकी खूब चर्चा हो रही है. रामजन्म योगी ने 2 मिनट 40 सेकेंड तक शंखनाद किया.जिसे पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देखते बी रह गए. इस अद्वितीय क्षण में पीएम ने उनके शंखनाद को सम्मानित करते हुए उनके लिए ताली भी बजाई.
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लंबा शंखनाद करने का महारत हासिल किया
रामजन्म योगी की अद्वितीय कला को देखकर सभी हैरान रह गए. उन्होंने योग क्रिया के बल पर इतना लंबा शंखनाद करने का महारत हासिल किया है, जो कि 5 मिनट या 10 मिनट ही नहीं बल्कि आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े जारी रह सकता है. उन्होंने अपनी कला को देशी और विदेशी राजनयिकों, जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ दिखाया है. उन्होंने इस कला को शिंजो आबे, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री, और इमानुएल मैक्रो, फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष, के सामने भी प्रदर्शित किया है.
बचपन से ही कुछ अलग करने का संकल्प लिया
रामजन्म योगी का जीवनी में यह विशेष उल्लेख है कि उन्होंने बचपन से ही कुछ अलग करने का संकल्प किया था. उनके घर के बाहर हनुमान मंदिर में, उनकी आठ साल की आयु में ही शंख बजाना शुरू हुआ. वे इतनी देर तक अपनी सांस को रोक सकते थे कि इसे प्राणायाम और अन्य योगिक क्रियाओं के जरिए नियंत्रित करना शुरू कर दिया. योग की मदद से उन्होंने अपनी सांस को एक साथ खींचना, छोड़ना और रोकने की क्रियाओं पर पूरी नियंत्रण प्राप्त किया.पीएम मोदी ने भी उनकी इस कला की तारीफ़ की है. उन्होंने इस कला को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए भी कहा है.
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शंखनाद को सुनने वाले लोगों ने क्या कहा ?
बताते चले कि रामजन्म योगी वाराणसी में होने वाले विभिन्न आयोजनों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं और उनके द्वारा किए जाने वाले शंखनाद को सुनकर हर कोई उनका दीवाना बन जाता है. उनके शंखनाद को सुनने वाले लोगों का कहना है कि उनकी यह अद्भुत कला पूरे विश्व में सिर्फ उन्हीं के पास है. शायद यही वजह है कि उनके चहेतों ने जब रामजन्म योगी के इस प्रयास को विश्व रिकॉर्ड के लिए दर्ज कराने की कोशिश शुरू की तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने रामजन्म योगी को अपने जैसे कम से कम 2 अन्य लोगों को तलाशने के लिए कहा, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी अब तक कोई ऐसा शंख वादक नहीं मिला जो लगातार पांच से 10 मिनट तक भी शंख बजा सकें.
यही वजह है कि उनके प्रयास अब तक गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए जारी हैं. रामजन्म योगी का कहना है कि बचपन से शुरू किया गया यह प्रयास अब विश्व स्तर पर उन्हें एक अलग पहचान दिला चुका है. बड़े-बड़े लोगों ने उनके इस काम को सराहा है और योग की ताकत को भारत में और मजबूत करने का काम किया है.