आज का पंचांग
- विक्रम संवत 2080
- कार्तिक मास शुक्ल पक्ष
- चतुर्दशी उपरान्त पूर्णिमा
- दिन रविवार
- नक्षत्र भरनी
- योग परिध
- दिनांक 26 नवंबर 2023
- सूर्योदय प्रातः 6:33
- सूर्यास्त शाम: 5:13
- राहुकाल 4:30 बजे से 6:00 बजे तक
मेष राशि (Aries)
उत्साह में वृद्धि होगी कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा बढ़ेगी पुराने मित्रों से भेंट संभव l
वृषभ राशि (Taurus)
सरकारी क्षेत्र में सफलता के योग नौकरी में उन्नति के योग पत्नी का ध्यान रखें व्यावसायिक लाभ से उत्साह बढ़ेगा l
मिथुन राशि (Gemini)
पूर्व में सोचे हुए कार्य पूर्ण होंगे संतान से सुख मिलेगा लाभ के अवसर मिलेंगे आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा l
कर्क राशि (Cancer)
अंजान लोगों से दूरी बनाकर रखें सावधानी से वाहन चलाएं व्यापार में जोकिम से बचे मन अशांत रहेगा l
सिंह राशि (Leo)
करियर में उन्नति के अवसर मिलेंगे धन की प्राप्ति होगी व्यवसाय में लाभ होगा परिवार में आनंद रहेगा l
कन्या राशि (Virgo)
राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी अचानक धन लाभ का दिन है विरोधी परेशान रहेंगे l
तुला राशि (Libra)
आज के दिन निराश रहेंगे आपके मित्र आपकी प्रगति में बाधक बनेंगे व्यापार में उतार चढाव रहेगा l
वृश्चिक राशि (Scorpio)
व्यवसाय में विशेष लाभ संपत्ति सम्बन्धी विवाद सुलझ सकता है नौकरी में सम्मान बढ़ेगा क्रोध पर नियंत्रण l
धनु राशि (Sagittarius)
लाभ से संतुष्टि मिलेगी सेहत थोडा नरम रहेगा मानसिक उत्तेजाना नियन्त्रण रखे योजनाओं में सफलता मिलेगी l
मकर राशि (Capricorn)
नौकरी पेशा जातक को मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी व्यवहार के प्रति सचेत रहे व्यवसाय में कानूनी परेशानी आ सकती है l
कुंभ राशि (Aquarius)
आज शुभ सूचना मिलेगी नौकरी में सम्मान बना रहेगा व्यवसाय में विशेष लाभ विरोधी परास्त होंगे l
मीन राशि (Pisces)
संतोष बना रहेगा लाभ काम होगा काम में मन नहीं लगेगा धन खर्च पर नियंत्रण रखें l
विशेष—
- कार्तिक पक्ष चतुर्दशी उपरांत अमावस्या 26 तारीख को पूर्णिमा तिथि 3:53 से शुरू होगी जो अगले दिन 27 नवंबर 2:45 प्रति मिनट पर समाप्त होगी
- अर्थात कार्तिक पूर्णिमा की देव दीपावली 26 को ही मनेगी और विशेष स्नान दान 27 को उदयातिथि में करें
- रवि योग 6:52 से लेकर दोपहर 2:05 तक रहेगा
- भद्रावास योग का भी देव दीपावली पर निर्माण हो रहा है जो दोपहर 3:53 से शुरू होकर देर रात 3:16 तक रहेगा भद्र के स्वर्ग और पाताल के दौरन पृथ्वी के समस्त जीवों का कल्याण होता है देव दीपावली वाराणसी
- कालान्तर देवी देवता त्रिपुरासुर के तांडव से भयभीत थे भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था अर्थत उपलक्ष्य पर देवी देवताओं ने दीप जलाकर दीपावली मनाई
- अत: हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है
- अर्थत सारे देवी देवता इस दिन काशी के गंगा घाट पर दीपावली मनाने उतरे थे l