वो शेर, जिसकी दहाड़ से पाकिस्तान भी कांपता था। वो कोई और नही देश के पहले CDS बिपिन रावत थे। बता दे कि CDS रहे स्वर्गीय बिपिन रावत की आज दूसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

CDS Bipin Rawat: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल स्वर्गीय बिपिन रावत की आज दूसरी पुण्यतिथि है। बता दे कि 8 दिसंबर तमिलनाडु के कुन्नूर के नीलगिरी के जंगलों में हेलिकॉप्टर क्रैश होने से उनकी मौत हो गई थी।इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मृत्यु हुई थी। वैसे तो कहा जाता है, कि एक शख्स मरता है, तो सिर्फ उसका परिवार रोता है, लेकिन जब एक सैनिक शहीद होता है, तो पूरा देश रोता है। उनमें से ही एक CDS बिपिन रावत थे जिमकी मौत से पूरा देश रोया था। हर घर में आंसू थे, हर घर में मातम पसरा हुआ था वही हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा था कि आखिर ये हुआ कैसे।
बिपिन रावत का भारत के लिए योगदान आने वाली पीढ़ियां भी रखेंगी याद…

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपना पूरा जीवन मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। अपनी मातृभूमि के प्रति उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों के माध्यम से व्यक्त नहीं किया जा सकता, उन्होंने भारत के लिए जो योगदान दिया उसे आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेगी। उनका अचानक चले जाना भारत, भारतीयों व स्वजनों के लिए अत्यंत वेदना व पीड़ा देने वाला क्षण था।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जन्म…

सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था। एक सैनिक परिवार में उनका जन्म हुआ था। अपने करियर में जनरल बिपिन रावत ने कई जिम्मेदारियों को निर्वहन किया। वहीं, पदोन्नति पाते हुए वो थल सेना अध्यक्ष बने। थल सेना के पद से रिटायर हुए तो उन्हें देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया।
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हवाई हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की मौत हुई थी…

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और उनके संग यात्रा में मौजूद रहे ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह की जान भी इस हादसे में चली गई थी। इसके साथ ही विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांसनायक विवेक कुमार और लांसनायक बी. साई तेजा भी हादसे में असमय जान गंवा बैठे थे। जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट आफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल की भी इस हवाई हादसे में मौत हो गई थी। ये हादसा देश और भारती सेना के लिए इतना बड़ा था कि पूरा राष्ट्र शोक में डूब गया था।
देश के पहले सीडीएस बनाए गए थे…

जनरल रावत ऐसे जांबाज योद्धा थे, जिन्होंने कई दफा दुश्मनों की आंख में आंख डालकर देखा था। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक सैन्य परिवार में हुआ था। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर आर्मी चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस बनाया गया था। जनरल रावत की दहाड़ सुनकर पाकिस्तान डर गया था।
आज भी पाकिस्तानी मीडिया दिखाता है बयान…

जनरल रावत की इस दहाड़ को आज भी पाकिस्तानी मीडिया में दिखाया जाता है। इसके बाद लगातार आतंकियों में जनरल रावत का डर पैदा हो गया। जब तक वो आर्मी चीफ रहे तब तक सेना ने आतंक के खिलाफ कई मिशनों को अंजाम दिया।
उत्तराखण्ड के CM धामी ने किया नमन…

सैन्यधाम उत्तराखण्ड के गौरव, अदम्य शौर्य और साहस के पर्याय, देश के प्रथम सीडीएस पद्म विभूषण से अलंकृत स्व. बिपिन रावत जी की पुण्यतिथि पर देहरादून में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।