Hanuman Setu: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मांस और चर्बी की मिलावट की घटना ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस खुलासे के बाद न केवल धार्मिक संगठनों, बल्कि राजनीतिक दलों में भी आक्रोश फैल गया है। मंदिर के प्रसाद में सुअर की चर्बी, मछली के तेल और गाय के मांस के अंश मिलने की खबर ने धार्मिक आस्थाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। इस मामले की सुनवाई अब 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी, जिससे लाखों श्रद्धालुओं की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।
लखनऊ में भी जांच के लिए सक्रिय हुआ प्रशासन
तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट की बात सामने आने के बाद से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी सतर्कता बढ़ गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) विभाग ने लखनऊ (Lucknow) में भी सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार को एफडीए की टीम ने हनुमान सेतु मंदिर और उसके आसपास स्थित प्रसाद की दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे।
टीम ने हनुमान सेतु (Hanuman Setu) और हनुमंत धाम के पास की कई दुकानों से लड्डू, पेड़ा, बर्फी और घी के नमूने लिए। एफडीए अधिकारियों ने यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत की और स्थानीय व्यापारियों को प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। टीम का नेतृत्व सहायक आयुक्त खाद्य विजय प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के आसपास की दुकानों से नमूने लिए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भी सतर्क
तिरुपति बालाजी मंदिर में मिली मिलावट के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी सतर्कता बरतते हुए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए हैं। शनिवार को डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण ने काशी विश्वनाथ धाम का अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रसाद बनाने वाले स्थानों का मुआयना किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी प्रकार की मिलावट पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसके लिए प्रसाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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साधु-संतों और राजनीतिक नेताओं में आक्रोश का माहौल
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर ने साधु-संतों के बीच भी गुस्सा पैदा कर दिया है। कई धार्मिक नेताओं ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। साधु-संतों का कहना है कि ऐसी घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को आहत करती हैं, बल्कि पूरे धर्म पर सवाल खड़े करती हैं।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस मामले पर बातचीत की है। नड्डा ने तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और श्रद्धालुओं की आस्था को बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
इस विवाद की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की तारीख 25 सितंबर तय की है। धार्मिक आस्थाओं से जुड़े इस मुद्दे पर देशभर के लाखों लोग कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं आस्था को गहरा आघात पहुंचाती हैं और इस मामले का समाधान शीघ्र किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली इस घटना की जांच और कार्रवाई में अब सुप्रीम कोर्ट से समाधान की उम्मीद की जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सख्ती से जांच कर रहे हैं और देश के अन्य मंदिरों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
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