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Krishna Janmashtami: भारत में जन्माष्टनी का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। वहीं लोगो ने जन्माष्टमी की तैयारियों में जोरो शोरो से लग गए हैं। वहीं इस दिन लड्डू गोपाल जी की बालक रूप में पूजा की जाती हैं। ऐसे में सबसे बड़ी बात यह है कि अपने लड्डू गोपाल का श्रृंगार किस तरह से किया जाए। तो आप इस तरह से अद्भुत सजावट करके आप अपने बाल गोपाल जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
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करें इस तरह से करें श्रृंगार
भारत में हर जगह बाल गोपाल जी का श्रृंगार तरह तरह तरीके से किया जाता है लेकिन आप इस तरह से सजावट करके जैसे- मोर पंख, पीला व नारंगी वस्त्र, बांसुरी, कान के कुंडल बाजूबंद, मुकुट, कमरबंध, आभूषण, वैजयंती के हार, पैरो में पायल इत्यादि वस्तुओं के साथ श्रृंगार करके आपने बाल गोपाल जी को सजा सकते हैं।
मोर पंख
आप अपने लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार में मोर पंख का इस्तेमाल मुकुट के साथ कर सकते हैं। वहीं मोर पंख के बिना गोपाल जी का श्रृंगार अधूरा माना जाता है क्योंकि मोर पंख को सुंदरता और शक्ति का प्रतिनिधित्व व पवित्रता और कृपा का प्रतीक माना जाता है।
पीला व नारंगी वस्त्रों को चयन
जन्माष्टनी के दिन आप अपने गोपाल जी को पीले व नारंगी रंग के वस्त्र जरूर धारण कराये क्योंकि पीले रंग में सकारात्मक ऊर्जा पायी जाती है और तो और हमारे लड्डू गोपाल को पिताम्बर भी कहॉ जाता है क्योंकि कृष्णा जी सबसे ज्यादा पीले रंग के वस्त्र धारण करते थे।
बांसुरी
कान्हा जी का श्रृंगार बांसुरी के बिना अधुरी मानी जाती है क्योंकि बांसुरी कान्हा जी कि सबसे प्रिय हैं। और श्रृंगार करते समय बांसुरी को उनके हाथों में जरूर रखें।
बाजूबंद
कान्हा जी के श्रृंगार में बाजूबंद चार -चांद लगा देता है। क्योंकि कान्हा जी को बाजूबंद इत्यादि आभूषण बहुत ही पसंद है।
मुकुट
आप अपने लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार में मोर पंख का इस्तेमाल मुकुट के साथ कर सकते हैं। वहीं मुकुट के बिना गोपाल जी का श्रृंगार अधूरा माना जाता है क्योंकि मोर पंख वाली मुकुट कान्हा जी को बहुत पंसद है। वहीं मुकुट के बिना कृष्णा जी का श्रृगार अधूरा मना जाता है।
वैजयंती के हार
कान्हा जी के श्रृंगार में वैजयंती के हार का प्रयोग जरूर करें क्योंकि लड्डू गोपाल जी को वैजयंती के फूल बहुत पंसद थे। इसलिए इनके भक्त पूजा व श्रृंगार करते समय वैजयंती के माला का प्रयोग जरूर करते है।
पायल व कमर बंध
लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार में आप पायल को जरूर पहनाए क्योंकि शास्त्रों में कहॉ गया है कि लड्डू गोपाल जी को पायल व कमर बंध पहनाने से जीवन की बाधाओ से मुक्ति मिल जाती है।