सुल्तानपुर संवाददाता- Ashutosh Srivastava
सुल्तानपुर में डीएम-एसपी के मातहत सरकार को बदनाम करने का मंसूबा बना चुके हैं। शासन स्तर से हुई जांच में इसका खुलासा हुआ है। सीएम ऑफिस ने फर्जी रिपोर्ट लगाने वाले और पीड़ित पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में बीडीओ और थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं।
सुल्तानपुर: दरअसल आपको बता दे कि जिले के ब्लॉक भदैंया के सलाहपुर गांव निवासी संगीता मिश्रा पत्नी देवी प्रसाद मिश्र को वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास आवंटित हुआ था। पहली किस्त भी संगीता तिवारी को दे डाली गई। पीड़ित के पुत्र ने 22 जुलाई को डीएम से शिकायत किया कि प्रधान आदि पैसे की डिमांड कर रहे। ऐसे में बीडीओ भदैंया को जांच मिली।
बीडीओ के निर्देश पर हुई जांच में पीड़ित का पक्का मकान दर्शाकर शिकायत का निस्तारण 1 अगस्त 2023 को कर दिया गया। निस्तारण में गांव के राम सागर व प्रधानपति यशपाल की गवाही लगा दी गई। इस बाबत पीड़िता के पुत्र अमित ने 12 अगस्त को सांसद मेनका गांधी से शिकायत की। इसी दौरान बीडीओ ने संगीता तिवारी का आवास निरस्त कर पहली किस्त की रिकवरी का आदेश देते हुए मामले को निस्तारित दिखा दिया।
तत्कालीन थानाध्यक्ष पर भी गिरी गाज…
बीडीओ ने पीड़िता संगीता मिश्रा का नाम आवास दिलाने की डिमांड में डालते हुए आईजीआरएस पोर्टल पर निस्तारण रिपोर्ट भेज दी। उधर मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉल सेंटर से अनीता मिश्रा के पास फोन आया तो उसने अपने साथ हुई कार्रवाई को खुलकर बताया। फर्जी निस्तारण और शिकायत की प्रकृति बदलने से सीएम योगी सख्त हुए। उन्होंने बीडीओ को निलंबित करने का आदेश ग्राम्य विकास आयुक्त को दिया है। वही मोतिगरपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष पर भी गाज गिरी है।
थानाक्षेत्र के हांसापुर ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान की ओर से लगवाए पेड़ काटने व उसे नीलाम न कराने की शिकायत भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष कपिलदेव सिंह ने एसडीएम से की थी। नायब तहसीलदार से कराई गई जांच में यूकेलिप्टस का करीब 100 बोटा व 10 पेड़ खड़ा पाया गया। नायब तहसीलदार ने उसे ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया और एसडीएम ने नीलामी कराने का आदेश दिया। शिकायतकर्ता भाजपा नेता ने ग्राम प्रधान पर सारे पेड़ बेच लेने की शिकायत एसडीएम से की तो एसडीएम ने 19 अप्रैल 2023 को ग्राम प्रधान नीलकमल व उनके पति पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश थानाध्यक्ष को दिया।
सीएम कार्यालय से फीडबैक कॉल…
तत्कालीन एसओ मोतिगरपुर राजकुमार वर्मा ने प्रधान पर केस के बजाय शिकायतकर्ता कपिलदेव सिंह पर शांतिभंग का केस दर्ज कर डाला। इसको लेकर पूर्व विधायक अर्जुन सिंह समेत अन्य भाजपा नेताओं ने थाने पर विरोध जताया। तत्कालीन एसओ ने प्रधान व उनके पति पर चोरी का केस दर्ज किया। तब पीड़ित कपिल देव ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की। एसओ ने निस्तारण दर्शाते हुए गलत रिपोर्ट सीओ जयसिंहपुर को भेज दी। सीओ ने भी बिना तथ्य जाने आईजीआरएस पोर्टल पर रिपोर्ट भेज दी। उधर एसपी ने 25 सितंबर को थानाध्यक्ष को हटाकर न्यायालय सुरक्षा में भेज दिया, जिनका बाद में अंबेडकरनगर ट्रांसफर हो गया।
यहां भी सीएम कार्यालय से फीडबैक कॉल आई। तब पीड़ित कपिलदेव ने थानाध्यक्ष द्वारा की गई बेबुनियाद कार्रवाई को बताया। मुख्यमंत्री ने तत्कालीन एसओ राजकुमार वर्मा को निलंबित करने व सीओ से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया है।