प्यार में असफल व्यक्ति की हत्या के एक मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अगर कोई व्यक्ति प्यार में असफल होता है, और इसका जिम्मेदार वो युवती को बताता है, तो इसके लिए युवती या उसके परिजनों को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता ऐसा छत्तीसगढ़ होईकोर्ट का कहना है। दरअसल,एक मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि, अगर प्यार में असफल युवक आत्महत्या कर लेता है, तो इसके लिए उसकी गर्लफ्रैंड पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं दर्ज किया जा सकता है।
कोर्ट से खारिज हुआ मामला…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुताबिक अगर कोई छात्र या छात्रा खराब प्रदर्शन की वजह से आत्महत्या कर लेता है या कोई मुवक्किल मुकदमा खारिज होने पर आत्महत्या करता है, तो इसके लिए संबंधित शिक्षक या वकील को जिम्मेदार नहीं बनाया जा सकता है। जस्टिस साहू के मुताबिक अगर कोई शख्स प्यार में असफल हो गया या फिर किसी व्यक्ति का कोई मामला कोर्ट से खारिज हो गया है या फिर कोई छात्र या छात्रा परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने की वजह से आत्महत्या कर लेता है, तो इसके लिए महिला, वकील और शिक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं दर्ज किया जा सकता है।
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युवती और उसके भाई के खिलाफ दर्ज कराया था केस…
आपको बता दें कि, 23 जनवरी 2023 को एक शख्स ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई। आत्महत्या से पहले मृतक ने अपनी गर्लफ्रैंड और उसके भाइयों को दोषी ठहराते हुए एक सुसाइड नोट में लिखा था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि, उसका महिला के साथ करीब 8 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन महिला ने उसके साथ रिश्ता तोड़कर किसी अन्य युवक से शादी कर ली। मृतक ने उसके भाइयों पर आरोप लगाया कि,उन्होंने युवक को उसकी बहन के साथ संबंध न रखने की धमकी दी थी इस कारण उसने आत्महत्या करने का कदम उठाया।
कोर्ट ने आरोपों को बताया बेबुनियाद…
कोर्ट ने आगे कहा कि, कमजोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति की ओर से लिए गए गलत फैसले के लिए किसी अन्य को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने इस पर निर्णय लेते हुए 24 वर्षीय युवती और उसके 2 भाइयों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप को रद्द कर दिया ,जिन पर युवती के पूर्व प्रेमी की आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था।
इस पूरे मामले पर मृतक के चाचा की ओर से छत्तीसगढ़ के राजनंदनगांव में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने 3 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया था। जिला न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2023 को आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए थे। इसके बाद तीनों आरोपियों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया जहां से उन्हें राहत मिल गई है।