रायबरेली संवाददाता- बलवंत सिंह
संदिग्ध अवस्था में मृत महिला के शव को मायके पक्ष से आई भीड़ ने उसके ससुराल के घर के सामने दरवाजे पर जबरन दफन करा दिया। इस दौरान मायके पक्ष की भीड़ ने पूरे गांव में जमकर तांडव किया है। मौके पर पहुंची भीड़ भी आक्रोश के सामने असहाय बनी रही ।
रायबरेली: मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के गांव निगोहा का है । प्रतापगढ़ जनपद के थाना संग्रामगढ़ के गांव दखवापुर निवासी चंद्रकेश का कहना है कि उसने अपनी बहन अंतिमा (22 वर्ष) की शादी करीब 18 माह पूर्व निगोहां गांव के संतोष कुमार के साथ की थी । शादी के बाद से ही उसकी बहन को पचास हजार रुपए नगद और आभूषण के लिए ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाता रहा है । जिससे परेशान होकर उसकी बहन अपने मायके चली गई थी।
गला घोंटने से उसकी मौत हुई…
दो दिन पूर्व उसका पति संतोष उसे लेने के मायके गया और अपनी गलती मानकर उसे पुनः लेकर ससुराल चला आया था। रविवार को सुबह संतोष ने अपनी ससुराल फोन करके बताया कि अंतिमा की मौत हो गई है । इस सूचना पर जब मायके पक्ष निगोहां गांव पहुंचा तो विवाहिता का शव उसके घर में चारपाई पर पड़ा था। उसके गले में चोट के निशान थे । ऐसी संभावना जताई जा रही है कि गला घोंटने से उसकी मौत हुई है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे के लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेजा था। सोमवार को मृतका का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके मायके पक्ष को सौंपा गया। मायके पक्ष से सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष ग्रामीण शव लेकर मृतका के ससुराल निगोहां गांव पहुंच गए।
ससुराल के घर में ताला बंद था…
इसकी सूचना पुलिस को मिली तो ऊंचाहार कोतवाल आदर्श सिंह भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। भीड़ शव के मृतका के ससुराल के दरवाजे पर शव दफन की कोशिश कर रही थी। भीड़ को पुलिस ने समझाने की कोशिश की , किन्तु भीड़ के अक्रोश के सामने पुलिस लाचार हो गई और भीड़ ने मृतका के ससुराल पर इसके शव का दफन करा दिया। इस दौरान उसकी ससुराल के घर में ताला बंद था, और घर के लोग पुलिस के भय से भागे हुए थे ।कोतवाल ने बताया कि पीड़ित पक्ष की भीड़ आई थी , उसने शव के दरवाजे के सामने जबरन दफन किया है। पीड़ित पक्ष होने के कारण उनके साथ बल का प्रयोग नहीं किया गया।