संदीप मिश्रा
Solar Eclipse: सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण की विशेष मान्यता होती है. इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या ग्रहण का सूतक मान्य होगा या अमान्य.वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण खगोलिय घटना के तौर पर भी बेहद खास माना जा रहा है.क्योंकि ऐसी घटनाए हजारों सालों में एक बार होती है. साल का दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर में दिखाई देगा, जिसमें आसमान में रिंग ऑफ फायर दिखेगा.लेकिन ये ग्रहण भारत के लिए बेरंग ही रहने वाला है.आईए जानते है क्यों इतना खास है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण.
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किस महीने में लगेगा सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में जानने की इच्छा हर किसी की होती है..जब पूर्ण ग्रहण लगता है तो ये नजारा देखना बेहद ही अद्भुत अनुभव होता है. ये खगोलीय घटना धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण होता है.कई बार खगोलीय घटना व्यक्ति को असमंजस में डाल देती हैं.इनके दुर्लभ और आश्चर्य में डाल देने वाले अद्भुत नजारे देखते बनते हैं. ठीक वैसे ही साल 2024 में 8 अप्रैल के बाद अक्टूबर महीने में इस साल का और इस सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने वाला है.यह खगोलीय घटना वैज्ञानिक रूप से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है..हालांकि, पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आया था.
सूर्य ग्रहण को क्यों बेहद खास माना जा रहा ?
क्या आप जानते हैं कि वर्ष 2024 में दूसरा सूर्य ग्रहण कब लगने वाला है? क्या ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा? इस बार के सूर्य ग्रहण को क्यों बेहद खास माना जा रहा है.दरअसल सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेती है.ऐसी परिस्थिति में पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी कम या फिर नहीं के बराबर नजर आने लगती है.कई बार इस दौरान आसमान में बड़े ही दुर्लभ नजारे देखने को मिलते हैं.साल के दूसरे सूर्य ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर का नजर दिखाई देने वाला है. यह तब होता है… जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है.इस दौरान में आसमान में आग की अंगूठी नजर आने लगती है.
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कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए
आमतौर पर सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.पूजा-पाठ, मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है.गर्भवती महिलाओं को भी सूतक काल में कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.हालांकि, जब सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. भारत में जो लोग इस सूर्य ग्रहण को देखने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें निराश होना पड़ेगा। भारत के हिसाब से यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा, इसलिए यह हमें नहीं दिखेगा। भारत में अदृश्य रहते हुए भी वलयाकार ग्रहण दुनिया के कई देशों में दिखेगा। दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली और प्रशांत महासागर में इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। इस इलाके में मौजूद खगोल विज्ञानी उत्साह के साथ सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं.
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