Bihar Politics: महाराष्ट्र की तरह क्या बिहार की राजनीति में भी कुछ बड़ा होने वाला है.लोकसभा चुनाव से पहले यहां पर जेडीयू-आरजेडी के बीच बढ़ती दूरियां ये संदेश दे रही हैं कि,दोनों दलों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है.बिहार की राजनीति में जेडीयू-आरजेडी की दोस्ती में दरार की अटकलें लगाई जा रही हैं।केंद्र की मोदी सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर बड़ां दांव खेल दिया है जिसके बाद नीतीश कुमार के मन में भाजपा के प्रति नरमी देखी जा सकती है।
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परिवारवाद पर नीतीश कुमार का निशाना

इस बात के संकेत तब मिले जब बीते दिन पटना में सीएम नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर अपने संबोधन में राजनीति में परिवारवाद के प्रति अपना विरोध जाहिर किया.नीतीश कुमार ने कहा था कि,कर्पूरी ठाकुर की तरह मैंने भी कभी परिवारवाद की बात नहीं की.उन्होंने खुद को कर्पूरी ठाकुर का अनुयायी बताते हुए कहा कि,मैंने कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया.हालांकि नीतीश कुमार ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके इस बयान को आरजेडी से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि जिस तरह से लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को लेकर फिक्रमंद दिखाई देते हैं उससे ये संकेत मिलते हैं कि,परिवारवाद पर नीतीश कुमार का निशाना आरजेडी को लेकर था।
रोहिणी आचार्य के ट्वीट से मिली हवा
वहीं लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के एक ट्वीट ने इसको और हवा दे दी कि,आरजेडी और जेडीयू के बीच दूरियां बढ़ रही हैं.रोहिणी ने ट्वीट करते हुए लिखा है….समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है,हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है….रोहिणी आचार्य के इस ट्वीट के बाद अटकलों को हवा मिल गई कि,कहीं न कहीं आरजेडी और जेडीयू के बीच दूरियां बढ़ रही हैं।बताया ये भी जा रहा है कि,नीतीश कुमार रोहिणी के ट्वीट से काफी नाराज हो गए हैं उन्होंने ट्वीट पर जानकारी मांगी है।

रोहिणी आचार्य ने एक और ट्वीट में लिखा है,खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट।रोहिणी आचार्य की ओर से किए गए इस ट्वीट ने साफ कर दिया है कि,उनका इशारा नीतीश कुमार की ओर है…इससे पहले जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन में थे तो आरजेडी ने नीतीश कुमार के बेटे को लेकर इस तरह की टिप्पणी की थी।
कैबिनेट मीटिंग में दिखी नीतीश-तेजस्वी के बीच दूरी

आज बिहार कैबिनेट की एक बैठक हुई जो करीब 20 मिनट तक चली लेकिन इस बैठक के बाद जो सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आई वो ये रही कि,कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।फिलहाल आरजेडी और जेडीयू के बीच बढ़ती दूरियों के इशारे तो पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एक ट्वीट से भी काफी पहले मिल गई थी जिसमें उन्होंने लिखा था ‘खेला होबे’।
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