Bihar Crime: बिहार के नवादा (Nawada) जिले में बुधवार को महादलित टोले में दबंगों की फायरिंग और घरों में आग लगाने की वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर कृष्णा नगर में इस घटना ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। करीब 80 से अधिक घरों में आग लगा दी गई, जिसमें कई मवेशी भी जलकर मर गए। घटना के बाद से भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात है और हालात पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं।
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ग्रामीणों ने लगाया फायरिंग और मारपीट का आरोप
घटना में ग्रामीणों ने नंदू पासवान और उसके साथियों पर गोलीबारी और मारपीट का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 7:30 बजे, नंदू पासवान अपने सैकड़ों साथियों के साथ गांव में घुसा और ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दीं। इसी दौरान दबंगों ने 80-85 घरों को आग के हवाले कर दिया। आगजनी में कई घर पूरी तरह जलकर राख हो गए और लोगों का सामान भी नष्ट हो गया। इस घटना के बाद से गांव में गहरा आक्रोश फैल गया है।
कई मवेशी भी जलकर मरे
पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि इस हमले में न केवल उनके घर बल्कि उनके मवेशी भी जलकर मर गए। अचानक हुए इस हमले ने गांववालों को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। लोग समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। गोली चलने की आवाजें सुनकर अफरातफरी मच गई। इस दौरान गांव में खड़ी कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
पिछले साल भी हुई थी ऐसी घटना
ग्रामीणों ने बताया कि ठीक एक साल पहले, नवंबर महीने में भी ऐसी ही गोलीबारी की घटना हुई थी। उस समय पुलिस ने मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। कोर्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता ने इस बार और बड़ा हादसा होने का मौका दे दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पिछली घटना पर कड़ी कार्रवाई होती, तो शायद इस बार के हादसे को टाला जा सकता था।
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इनके घरों को किया गया आग के हवाले
इस आगजनी में गोरेलाल, झपसी मांझी, संजय मांझी, नितय मांझी, रामचंद्र मांझी, भोला मांझी, तारा मांझी, ललिता देवी, अवधेश मांझी, मनोज मांझी, डोमा मांझी, डोमा रविदास, सुरेश मांझी, विजय रविदास, शोभा देवी, सरिता देवी सहित कई परिवारों के घर जलकर राख हो गए। करीब 80-85 घरों में लगी आग ने गांव को तहस-नहस कर दिया है।
फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू
घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक अधिकांश घर जलकर नष्ट हो चुके थे। फूस और खपरैल से बने ये घर आग की चपेट में आकर पूरी तरह से राख हो गए।
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बड़ी संख्या में पुलिस बल की गयी तैनात
घटना के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए एसडीओ अखिलेश कुमार, एसडीपीओ अनोज कुमार, और एसडीपीओ सुनील कुमार सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि इस घटना के पीछे जमीन विवाद का मामला सामने आ रहा है। क्षति का आकलन किया जा रहा है, और प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
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आरोपियों की तलाश शुरू, कई हिरासत में
सदर एसडीपीओ सुनील कुमार ने कहा कि ग्रामीणों से मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है। फायरिंग और आगजनी की जानकारी की भी जांच की जा रही है। फिलहाल कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास करेगी। एक साल पहले हुई फायरिंग की घटना पर अगर पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो शायद आज यह स्थिति पैदा नहीं होती। यह घटना ना सिर्फ नवादा बल्कि पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। गांव में फैली दहशत और गुस्से के माहौल को देखते हुए प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर स्थिति को सामान्य करे।
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