यूपी ब्यूरो चीफ- गौरव श्रीवास्तव
- विभिन्न क्लबों द्वारा भारतभूमि में भारतीय परिधान पर प्रतिबंध के विरुद्ध केंद्र सरकार से कानून बनाने के लिए प्रशान्त भाटिया ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से की मांग, सौपा ज्ञापन
- “लखनऊ गोल्फ क्लब सहित अन्य क्लबों में प्रवेश हेतु भारतीय परिधानों पर प्रतिबंध के विरोध में प्रशान्त भाटिया ने 30 प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा ज्ञापन”
Lucknow: लखनऊ गोल्फ क्लब सहित देश के अन्य क्लबों में प्रवेश हेतु भारतीय परिधानों पर प्रतिबंध के विरोध में आज इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व चैयरमैन प्रशान्त भाटिया ने विरोध जताते हुए 30 प्रतिष्टित सामाजिक संघटनों के साथ भारत के रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को ज्ञापन सौंपा और ऐसे सभी स्थानों पर भारतीय परिधानों को बैन न करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाये जाने की पुरजोर मांग करते हुए भारतीय परिधानों में प्रवेश की अनुमति दिए जाने के लिए आग्रह किया।
भारतीय परिधानों को बैन किये जाने पर विरुद्ध प्रदर्शन
भारतीय परिधानों को बैन किये जाने विरुद्ध प्रशांत भाटिया के अभियान को प्रतिष्टित विभिन्न संघटनों ने समर्थन देते हुए रक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपा, इन संगठनों में प्रमुख रूप से विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय ब्रह्म समाज, राष्ट्रीय सिख संगत, लखनऊ व्यापार मण्डल, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल, उत्तर प्रदेश सिंधी सभा, सनातनी पंजाबी महासभा, हिन्दू जागरण मंच, राज्यमंत्री भदंते शांति मित्र, स्वदेशी जागरण मंच, नाका गुरुद्वारा, आलमबाग गुरुद्वारा, संस्कार भारती, सिंधी यूथ क्लब, सिंध वेलफेयर सोसाइटी, जैन मिलन लखनऊ, लखनऊ उद्योग व्यापार मंडल, वनवासी कल्याण आश्रम, संत रविदास सेवा समिति, विश्व आयुर्वेद परिषद, जैन मिलन लखनऊ, आलमबाग व्यापार मण्डल, वक्फ ठाकुर जी महाराज, नानक शाही मठ, राजपूत मुस्लिम सेना, मंगलमान समिति, श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति न्यास, श्री दुर्गा जी मंदिर धर्म जागरण सेवा समिति सहित कुल 30 प्रतिष्टित सामाजिक संघटनों ने रक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपा।
प्रशान्त भाटिया ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि लखनऊ में सरकारी भूमि पर 3 क्लब चल रहे है जिनमें भारतीय परिधानों में प्रवेश की अनुमति नही है। यहां अंग्रेजो द्वारा बनाए गए विभेदकारी, जिसे हम नस्ल विरोधी नियम भी कह सकते हैं, अब तक लागू है। भाटिया ने कहा कि यहां अंग्रेजो द्वारा पूर्व में निर्धारित की गई वेशभूषा के बिना कोई प्रवेश नहीं पा सकता। प्रशान्त भाटिया ने गोल्फ क्लब के विषय मे जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक खेल की एक वेशभूषा होती है।
खेलों का अपना एक ड्रेस कोड होता है
सभी खेलों का अपना एक ड्रेस कोड होता है, किंतु ऐसे स्थलों पर गए दर्शकों अथवा अतिथियों के लिए यह आवश्यक नहीं कि उन्हें भी खिलाड़ियों के कपड़े पहनने पड़े और भारतीय परिधान में जाने पर उसे रोक दिया जाए या हीन मानसिकता से देखा जाए। प्रशान्त ने कहा कि यह हमको इतिहास की किताबो में पढ़ाएं गए स्वतंत्रता आंदोलन की याद दिलाती हैं, जब अंग्रेज भारतीयों की वेशभूषा देखकर उन्हें हीन भावना से देखते थे। भाटिया ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी माननीय मुख्यमंत्री आवास के निकट एक प्रतिष्ठित क्लब में भारतीय परिधानों पर प्रतिबंध आश्चर्यचकित करता है।
प्रशान्त भाटिया ने रक्षामंत्री से कहा कि लखनऊ में सरकारी भूमि पर 3 ऐसे क्लब चल रहे है जिसमे भारतीय परिधान बैन है। हमें गर्व है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और आप विश्वभर में भारतीय परिधान में भारतीयता को, भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। परंतु देश की सरकारी भूमि पर क्लबों में भारतीयता को जाने की अनुमति नही है।
प्रशांत भाटिया ने रक्षामंत्री से इस सम्बन्ध में देशभर के लिए केंद्र सरकार द्वारा कठोर कानून बनाकर लागू कराने को मांग की जिससे देशभर में भारत और भारतीयता का अपमान करने वाले छद्म अंग्रेजियत पसंद लोगों को सही दिशा मिल सकें। साथ ही भारत भूमि पर भारतीय पोषाक पहने भारतीय को हीन भावना का शिकार न होना पड़े।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक
ज्ञात हो कि विगत 25 जून 2023 को उद्योग क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक में पूर्व चेयरमैन प्रशांत भाटिया लखनऊ गोल्फ क्लब में पहुंचे थे। परंतु गोल्फ क्लब के मैनेजमेंट द्वारा उनके पहने हुए भारतीय परिधानों के साथ बैठक में मौजूद होने पर आपत्ति जताई गई और बताया गया कि यह सब क्लब में पहनकर आने की मनाही है। जिसपर प्रशांत भाटिया ने भारतीय परिधान पहने होने कारण रोके जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।
आईआईए के वर्तमान चेयरमैन ने प्रशांत भाटिया के लिए नया लोअर मंगवाया था परंतु प्रशांत भाटिया ने भारतीय परिधानों के सम्मान के लिए लोवर नही पहना और भारतीय परिधान में ही बैठक में मौजूद रहे। उक्त समय प्रशान्त भाटिया ने आपत्ति पत्र में कहा था कि आज जहाँ हम आजादी का अमृतकाल मना रहे है वही क्लब और सार्वजनिक जगहों पर भारतीय परिधानों को प्रतिबंधित करना या स्वयं को आधुनिक दिखाने की रेस में प्रतिबंध का विरोध न करना गलत है। यह हमारी भारतीय संस्कृति और भारतीयता का अपमान है।
प्रशान्त भाटिया की बात सुनकर मा राजनाथ सिंह ने नाराजगी जताते हुए अपने विशेष कार्याधिकारी के पी सिंह और प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ला को तत्काल संबंधित क्लब प्रबंधको से वार्ता कर ड्रेस कोड में बदलाव कराने हेतु निर्देशित किया और यह भी कहा कि जहां आवश्यकता हो तो मेरी भी बात कराएं। राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री जी से भी इस संबंध में वार्ता करने के लिए प्रशान्त भाटिया को अश्वस्त किया।