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लखनऊ। यूसीसी UCC यानि समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी के बयान के बाद सियासी पारा हाई हो गया है। वहीं इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच संग्राम छिड़ गया है. कांग्रेस, जेडीयू, आम आदमी पार्टी समेत कई सियासी दलों के नेताओं ने इसपर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं अब ऐसे में मुद्दे को लेकर राजनीति जोरों पर है.
UCC पर फारूक अब्दुल्लाह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि UCC से कहीं कोई तूफान ना आ जाए. ‘सरकार को UCC पर सोचना चाहिए क्योंकिभारत विविधताओं का देश है. सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार के कुछ भी तब्दील करने के बाद भी मुसलमान अपने मजहब पर ही रहेगा.
उन्होंने कहा यूसीसी UCC से मुल्क में हालात बिगड़ेंगे. उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों को धमकियां दी जा रही कि वह यहां चले जाएं, देश किसी के बाप का नहीं है. वहीं, बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “यूसीसी UCC को इन ‘सांप्रदायिक शिल्पकारों’ से मुक्त कराने का समय आ गया है क्योंकि यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है.”
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UCC से माहौल बनाएगी बीजेपी
उत्तर प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर भारतीय जनता पार्टी बड़ा अभियान चलाएगी. जिसको लेकर प्रमुख जिम्मेदारी सोशल मीडिया विभाग को दी गई है. जून-जुलाई और अगस्त में भाजपा वर्चुअल दुनिया में कॉमन सिविल कोड का प्रचार करेगी. जिसके जरिए जनता के बीच में माहौल बनाया जाएगा. माना जा रहा है कि मानसून या शीतकालीन सत्र के दौरान इस बिल को सरकार पेश कर सकती है. फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए हैं.