Lunar Eclipse 2025: ग्रहण वैसे तो एक खगोलीय घटना है लेकिन सनातन धर्म में इसे बेहद खास माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रवाह सबसे अधिक हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है। जिस कारण ग्रहण काल के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों व पूजा पाठ को करना मना होता है।
ग्रहण काल और सूतक काल को लेकर कई नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि साल 2025 का अगला व दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा और इसका सूतक काल क्या होगा।
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चंद्र ग्रहण की तारीख और समय
आपको बता दें कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगा था। जिसके बाद अब लोगों को दूसरे चंद्र ग्रहण का इंतजार है। ये ग्रहण इस साल का एकमात्र ग्रहण है जो कि भारत में दिखाई देने जा रहा है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है।
जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। जो भारत में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। भारतीय समय के अनुसार साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9 बजकर 57 मिनट से आरंभ हो जाएगा। जो कि 8 सितंबर को तड़के रात 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
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सूतक काल का समय
बता दें कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था, वहीं अब साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने वाला है। ऐसे में इसका सूतक काल भी भारत में मान्य होगा। सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले ही आरंभ हो जाता है। सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इसके अलावा इस दौरान मंत्रों का जाप करना उत्तम माना जाता है।
सूतक काल में न करें ये काम
ज्योतिष अनुसार ग्रहण के सूतक काल में भोजन करना, भोजन बनाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई कढ़ाई करना और चाकू से काटना अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं ऐसे में पूजा पाठ भी नहीं करना चाहिए।