प्रतापगढ़ संवाददाता – गणेश राय
प्रतापगढ़ : जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं 50 लाख रूपये से अधिक की लागत के कार्यो की समीक्षा करते हुये निर्देश दिया कि सभी विभाग अपने कार्यो में आपसी सामंजस्य बनाकर तेजी लाये। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि, ”टीम भावना से काम करते हुये कार्यक्रमों को आगे बढ़ाये। जनपद में शासन द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूर्ण गुणवत्ता व समयसीमा के अन्तर्गत सुनिश्चित किया जाये इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जो भी योजनायें संचालित की जा रही है उसका लाभ पात्र व्यक्तियों को अवश्य दिया जाये, कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित न रहे इसका विशेष ध्यान दें।”
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उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायते डिफाल्टर श्रेणी में कदापि न जाने पाये यदि किसी कारणवश शिकायत डिफाल्टर श्रेणी में चला जाता है तो उसको 02 दिनों के अन्दर निस्तारण कराना सुनिश्चित करें, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जो पत्रावली प्रस्तुत की जाती है उसमें पताका, शासनादेश और नोटिंग के साथ सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करें जिससे पत्रावली पर आवश्यक कार्यवाही की जा सके। विभागीय प्रकरण जो हाईकोर्ट से सम्बन्धित हो उनके प्रकरणों का सही उत्तर दें इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
”अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण”- जिलाधिकारी
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डीआरडीए को निर्देशित किया कि अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करायें। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा में सीडीओ ने डीसी एनआरएलएम को निर्देशित किया कि समूहों के खातों को ज्यादा से ज्यादा खुलवाया जाये और उन्हें लाभान्वित करायें। निराश्रित गोवंश की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों की निरन्तर निगरानी करते रहे, गो संरक्षण केन्द्रों पर चारा, पानी, प्रकाश, पशुओं के स्वास्थ्य आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखे।
”सुमंगला योजना में बड़ी संख्या में लोग हुए लाभान्वित” – जिलाधिकारी
कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा में बताया गया कि, स्वास्थ्य विभाग से सहयोग प्राप्त हो रहा है लेकिन अन्य सम्बन्धित विभाग सहयोग नही कर रहे है जिस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कन्या सुमंगला योजना के तहत अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित करायें। उपायुक्त उद्योग को निर्देशित किया गया कि बैंकों में योजनाओं से सम्बन्धित ऋण पत्रावलियों की स्थिति ठीक नही है, जो भी बैंक मैनेजर निर्धारित समय सीमा के अन्दर ऋण पत्रावलियों पर कार्यवाही न करें उनके खिलाफ उच्चाधिकारियो ंको पत्र प्रेषित कर कार्यवाही करायी जाये। अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया गया कि बैठकों के दौरान अपने अधिशासी अभियन्ताओं को अवश्य बुलायें जिससे उनसे सम्बन्धित समस्या को अवगत कराया जा सके और उसका निराकरण समय से हो सके।
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उद्यान विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि, ”अच्छे प्राकृतिक पेड़ लगाये जाये, जनपद प्रतापगढ़ आंवले के लिये प्रसिद्ध है इसलिये आंवले, स्ट्राबेरी, केले, आम की खेती करने के लिये किसानों को जागरूक किया जाये जिससे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाये जा सके। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को निर्देशित करते हुये विद्यालयों, आंगनबाड़ी के बच्चों को जो खाद्यान्न प्राप्त होते है, विद्यालयों में बच्चों हेतु जो भोजन बनाये जाते है उनकी सैम्पलिंग जांच कर अवगत कराया जाये। इसी तरह जिलाधिकारी ने मत्स्य सम्पदा योजना, कौशल विकास मिशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, सिंचाई विभाग, निःशुल्क बोरिंग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, कृषि विभाग, अभ्युदय योजना, सामाजिक वानिकी, सेतु निर्माण सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गयी।
डीएम ने 50 लाख से ऊपर की परियोजनाओं की समीक्षा
जिलाधिकारी ने 50 लाख से ऊपर की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, इंजीनियरिंग कालेज, आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, किसान कल्याण केन्द्र, बालिका छात्रावास, डिग्री कालेज निर्माण आदि की समीक्षा और कहा कि सम्बन्धित विभाग के अधिकारी कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यो का स्वयं भी समय-समय पर अनुश्रवण कराना सुनिश्चित करें। परियोजनाओं/विकास कार्यो को नियत समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये।
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”लापरवाही न बरतने के दिए निर्देश” – डीएम
जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। उन्होने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर कर दिया जाये, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरते। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।